काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह में भीड़ बेकाबू होने पर श्रद्धालु के अरघे में गिरने के बाद स्पर्श दर्शन में की व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। अब स्पर्श दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को एक-एक करके गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पांच दिनों के बाद स्पर्श दर्शन शुरू हो गया। सख्त नियमों के साथ ही दर्शन की व्यवस्था को शुरू किया गया है। स्पर्श दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को एक-एक करके गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों की हर दो घंटे पर ड्यूटी बदलेगी।
मंदिर प्रशासन ने दर्शन पूजन की व्यवस्थाओं में कई बदलाव किए हैं। गर्भगृह में दर्शन पूजन के दौरान अब नियमित रूप से डेढ़ फीट का अरघा लगाकर ही आम श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही झांकी दर्शन के दौरान लगने वाली जलधरी की डिजाइन में भी बदलाव किया जा रहा है। अब मंदिर में स्थायी जलधरी लगाई जाएगी ताकि उसे बार-बार निकालने और लगाने की जरूरत नहीं होगी।
सात अक्तूबर को मंदिर में स्पर्श दर्शन के दौरान दो श्रद्धालुओं के अरघे में गिरने की घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने यह बदलाव किया है। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि गर्भगृह में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों का ड्यूटी रोस्टर दो-दो घंटे करने को कहा गया है।
श्रद्धालुओं को एक-एक करके ही प्रवेश कराने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही गर्भगृह में नियमित रूप से अरघा लगाकर ही स्पर्श दर्शन कराया जाएगा। डेढ़ फीट का अरघा लगने से बाबा विश्वनाथ के विग्रह की भी सुरक्षा होगी और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति भी नहीं होगी।
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