काशी विश्वनाथ मंदिर में लंबे समय से काम कर रहे अर्चकों और कर्मचारियों काे मानदेय मिलेगा। वहीं दानदाताओं को विशिष्ट दर्शन पास मिलेगा। साथ ही दंडी संन्यासियों का भोजन फिर शुरू होगा। ये निर्णय मंदिर न्यास की बैठक में लिए गए।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लंबे समय से काम कर रहे अर्चकों और कर्मचारियों को मानदेय दिया जाएगा। ऐसी सभी अर्चकों और कर्मियों की सूची तैयार कराई जा रही है जो 15 साल से कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही मंदिर में दंडी संन्यासियों के भोजन व दक्षिणा की व्यवस्था फिर से शुरू की जाएगी।
मंडलायुक्त सभागार में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 106वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान तय हुआ कि मंदिर परिसर में संचालित होने वाले अस्पताल में दो शिफ्ट में चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात किए जाएं। इससे धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को आपातस्थिति में तत्काल इलाज मिल सके। इसके साथ ही धाम के विग्रहों पर कई भाषाओं में उनका इतिहास लिखकर तख्ती लगाई जाए। दान को दानपात्र में ही डालने के संदेश भी जगह-जगह लगवाए जाएं।
इसके अलावा दानदाताओं को विशिष्ट दर्शन पास और प्रसाद दिया जाएगा। इसके अलावा न्यास में प्रकाशन एवं बौद्धिक आयोजन के लिए व्यवस्था बनाने, मंदिर न्यास द्वारा मानकीकृत प्रसाद निर्माण एवं वितरण इत्यादि के प्रस्ताव पर कार्यपालक समिति को निर्देशित किया गया कि विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर एक माह के भीतर न्यास परिषद के सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
धाम में काशीवासियों के लिए नवीन द्वार का निर्धारण किए जाने की व्यवस्था, न्यास से संबद्ध संकट हरण हनुमान मंदिर बेनीपुर के सुंदरीकरण के निर्माण कार्य शुरू करने का भी फैसला लिया गया। इसके अलावा भजन संध्या शिवार्चनम का खाता संचालित करने, विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को खरीदने और सेवाएं लिए जाने के लिए जेम पोर्टल पर ई-निविदा के प्रस्ताव को अनुमोहित किया गया। बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र, अनंत नारायण सिंह, प्रो. बिहारी लाल शर्मा, प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, पं. दीपक मालवीय, पं. प्रसाद दीक्षित, के. वेंकटरमण घनपाठी आदि मौजूद रहे।