एंजल टैक्स खत्म होने से यूपी स्टार्टअप इकोसिस्टम का सिरमौर बनेगा। वर्ष 2012 में स्टार्टअप में एंजल टैक्स लागू किया गया था। एंजल टैक्स सरकार द्वारा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई फंडिंग पर लगाया जाने वाला आयकर है।
केंद्र सरकार से जारी बजट में इस बार एंजल टैक्स को खत्म कर दिया गया है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य स्टार्टअप को बढ़ावा देना है, ताकि बड़ी संख्या में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इससे शहर के 1.5 लाख पंजीकृत उद्योगों और एक हजार से अधिक संचालित स्टार्टअप को गति मिलेगी। साथ ही जो लोग स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, उन्हें विदेशी निवेश का भी लाभ मिलेगा।
देश के चौथे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम वाले उत्तर प्रदेश के लिए बजट ने बड़ा रास्ता खोल दिया है। स्टार्टअप पर एंजल टैक्स खत्म होने से एक साल में कम से कम 20 फीसदी संख्या बढ़ेगी। अभी यूपी में 12,401 से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं।
इस समय देश में 108 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं, जिनमें से आठ उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्टार्टअप हैं। कई तेजी से यूनिकॉर्न बनने की ओर अग्रसर हैं। प्रदेश में निवेश के आँकड़ों का संकलन कर रही एजेंसी केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला प्रदेश बनकर उभरा है।
वर्ष 2012 में स्टार्टअप में एंजल टैक्स लागू किया गया था। एंजल टैक्स सरकार द्वारा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई फंडिंग पर लगाया जाने वाला आयकर है। यह टैक्स एंजल निवेश को सबसे अधिक प्रभावित करता है और इसलिए इसे एंजल टैक्स कहा जाता है।
एंजल टैक्स 30% की दर से लगाया जाता है और 3% का अतिरिक्त उपकर भी लागू होता है। एंजल टैक्स की प्रभावी दर 30.9% है। एंजल टैक्स को खत्म करने से यूपी में स्टार्टअप विकास और शुरुआती चरण के निवेश के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनेगा। इस कर को हटाने से शुरुआती चरण के स्टार्टअप में अधिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा और नवाचार के विकास में वृद्धि होगी।