कानपुर: फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से सिर्फ 2.09 फीसदी हिस्सा ही हरियाली (करीब 1.53 करोड़ पौधे) से ढका है। अभी कानपुर में औसतन प्रति व्यक्ति तीन पौधे हैं, जबकि प्रदेश की हरियाली के हिसाब से प्रति व्यक्ति 18 पौधे हैं।
करोड़ों पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण न होने से पिछले छह साल से कानपुर का हरियाली क्षेत्र 2.09 प्रतिशत ही है। इसे बढ़ाने के लिए शनिवार को शहर की जनता, सामाजिक संगठन और सरकारी विभागों ने वृहद पौधरोपण अभियान चलाया। करीब 44.45 लाख पौधे लगाए जाने का दावा है, लेकिन 14.30 लाख पौधों को ही बचाने का बजट है।
बजट केवल उन पौधों के लिए है, जिन्हें वन विभाग ने लगाए हैं। करीब 30 लाख से ज्यादा पौधे भगवान भरोसे छोड़ दिए गए हैं। जिले में 27 विभागों ने 44.45 लाख पौधे लगाए। इनमें से सबसे ज्यादा 14.70 लाख पौधे ग्राम्य विकास विभाग ने लगवाए हैं। मनरेगा के मजदूरों ने इन पौधों को लगाने के लिए गड्ढे खोदे। विभाग के अधिकारियों ने पौधे उसमें रखकर फोटो खिंचाई और निदेशालय को फोटो भेजकर जिम्मेदारी पूरी कर ली।
इन पौधों को पानी कौन देगा, बिना ट्री गार्ड वाले इन पौधों को छुट्टा जानवरों से कौन बचाएगा, यह किसी ने नहीं सोचा। ऐसा ही हाल अन्य विभागों का भी है। पंचायतीराज विभाग की ओर से जो 1.5 लाख पौधे लगाए गए हैं, वो ज्यादातर दूरदराज की ग्राम समाज वाली जमीन पर बिना रख-रखाव और संरक्षण की के लगाए गए हैं। इनके भी संरक्षण पर कोई विचार नहीं किया गया।
पौधों के सरंक्षण में कोई बजट नहीं मिलता
पौधरोपण करने वाले सभी विभागों में से केवल वन विभाग ऐसा है, जिसे एक पौधे के संरक्षण के लिए औसतन 16 रुपये मिलते हैं। इससे विभाग को पौधा तैयार करने से लेकर उसका तीन साल तक संरक्षण करना होता है। अन्य विभागों के पास इस काम के लिए कोई बजट नहीं होता। यही वजह है कि इन विभागों के लगाए गए पौधे हर साल सूख जाते हैं या छुट्टा जानवर चर डालते हैं।
जिले में करीब 24.15 करोड़ पौधे होने चाहिए
वन विभाग के मुताबिक करीब 51 लाख आबादी वाले कानपुर का भौगोलिक क्षेत्रफल 10863 वर्ग किमी है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से सिर्फ 2.09 फीसदी हिस्सा ही हरियाली (करीब 1.53 करोड़ पौधे) से ढका है। अभी कानपुर में औसतन प्रति व्यक्ति तीन पौधे हैं, जबकि प्रदेश की हरियाली के हिसाब से प्रति व्यक्ति 18 पौधे हैं। जिले में वर्ष 2018 में भी इतनी ही हरियाली थी और आज भी उतनी ही है। यह 33 फीसदी यानी जिले में करीब 24.15 करोड़ पौधे होने चाहिए।
यह बात सही है कि पौधों के संरक्षण का बजट वन विभाग के पास ही होता है। इस बार पौधे लगाओ, पौधे बचाओ के तहत पौधरोपण किया गया है। सभी विभागों और अन्य लोगों को जागरूक किया गया है कि पौधा लगाने के साथ ही उसे बचाया भी जाए। पौधों के संरक्षण पर भी सभी को जोर देना चाहिए। -दिव्या, डीएफओ