माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ स्कूलों में नियुक्तियों की जो जांच चल रही है, उसमें डीआईओएस की मृत्यु के बाद सवाल खड़े होने लगे हैं।
आगरा के जिला विद्यालय निरीक्षक दिनेश कुमार की मौत के साथ फर्जी नियुक्तियों की जांच को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) को पहले से पत्रावलियां नहीं मिल रहीं। इस वजह से जांच एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी। स्कूल प्रबंधक पहले ही पत्रावलियां न होने की सूचना दे चुके हैं। इस स्थिति में नियुक्ति प्रकरण में सबूत खोजना आसान नहीं होगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के 7 स्कूलों में करीब 47 नियुक्तियां शिक्षक और कर्मचारियों की हुई। दो स्कूलों के शिक्षकों का भुगतान होने के बाद मामले की शिकायत की गई। शासन के स्तर से नियुक्तियों की जांच करने आदेश जारी किया गया। संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा ने जांच शुरू की और डीआईओएस से नियुक्तियों की पत्रावलियां मांग गई लेकिन पत्रावलियां नहीं मिलीं।
अब डीआईओएस दिनेश कुमार का निधन हो जाने से जांच की दिशा तय करना आसान नहीं होगा। इसकी वजह स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य की तरफ से पहले ही पत्रावलियां न होने की जानकारी भेजी जा चुकी है। बिना पत्रावलियों के जांच आगे नहीं बढ़ सकती है। इस खेल में विभाग के कुछ कर्मचारियों पर भी संदेह बना हुआ है। अभी तक इनसे किसी भी स्तर से कोई पूछताछ नहीं की गई है।
डीआईओएस की मौत के बाद यह कर्मचारी चुप्पी साधकर खुद को बचाने में लगे हुए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह में नए जिला विद्यालय निरीक्षक पदभार संभाल सकते हैं। उसी के बाद जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। पत्रावलियां न मिलने पर पटल के कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal