जिन बसों का एक वर्ष में पांच से अधिक बार चालान हुआ है, उनके परमिट निरस्त किए जाएंगे। नियम विरुद्ध वाहनों का संचालन करने वाले चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जाएगा। पुलिस थानों में बंद वाहनों की नीलामी की जाएगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से की समीक्षा
शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के मुख्यालय में प्रमुख सचिव परिवहन विभाग आरके सिंह, परिवहन आयुक्त धीरज साहू, विशेष सचिव परिवहन डा. अखिलेश कुमार मिश्रा समेत सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस दौरान प्रवर्तन व सड़क सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श के बाद कई निर्णय लिए गए। बैठक में निर्देश दिए गए कि आल इंडिया व यूपी परमिट वाली जिन बसों का एक वर्ष मं पांच से अधिक बार चालान हुआ है, उनके परमिट निरस्त किए जाएं। मोटर वाहन नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों थानों में बंद कराया जाए, यदि थानों में बंद करने में कठिनाई हो तो उन्हें परिवहन निगम की डिपो की अभिरक्षा में दिया जाए।
एचएसआरपी के बगैर फिटनेस नहीं
वाहनों की फिटनेस से पहले उनमें हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगी होनी चाहिए। नंबर प्लेट न हो तो बुकिंग रसीद हो, तभी फिटनेस करें। एनएचएआई के परियोजना निदेशक को निर्देश दिए गए कि टोल प्लाजा से ओवर लोड वाहनों की सूचना नियमित रूप से परिवहन कार्यालय में दी जाए। 40 किलोमीटर के स्ट्रैच पर पेट्रोल वाहन, एंबुलेंस तथा रिकवरी यान रहे।
अनाधिकृत रूप से संचालित बसों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रदेश के एग्जिट व इंट्री प्वाइंट पर जांच की जाए। बसों के परमिट में निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियां न हो। बैठक में शहर से आरटीओ प्रशासन राजेश सिंह, आरटीओ प्रवर्तन राकेश सिंह, एआरटीओ सुनील दत्त, एआरटीओ उदयवीर सिंह, विनय पाण्डेय, आरआई अजीत सिंह आदि रहे।