उत्तर प्रदेश के मेरठ में अमानतुल्लाह खान के परिजनों और रिश्तेदारों की पुलिस द्वारा पिटाई करने का आरोप लगा है. अमानतुल्लाह खान दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. आरोप है कि मेरठ के परीक्षितगढ़ क्षेत्र के आगवानपुर गांव में अमानतुल्लाह खान के परिजनों और रिश्तेदारों की पुलिस ने पिटाई की है. यह आरोप अमानतुल्लाह खान के परिजनों और रिश्तेदारों ने खुद वीडियो जारी कर लगाया.
अमानतुल्लाह खान के परिजनों और रिश्तेदारों का कहना है कि योगी की पुलिस ने मारपीट करने के साथ अभद्रता भी की.उनका आरोप है कि हम दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से अमानतुल्लाह खान की जीत पर जश्न मना रहे थे और मिठाई बांट रहे थे, तभी पुलिस वहां पहुंची और अभद्रता व मारपीट की.
वहीं, यूपी पुलिस ने मारपीट करने के आरोप को सिरे से खारिज किया है. पुलिस ने सफाई दी कि बिना अनुमति के जुलूस निकला जा रहा था. उनको यह समझाया गया है कि ऐसा कोई काम न करें, जिससे माहौल खराब हो. इसके बाद उनको सिर्फ रोका गया है. पुलिस का कहना है कि बिना इजाजत जुलूस निकालने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल मामले की विवेचना की जा रही है और मारपीट के आरोप निराधार हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले अमानतुल्लाह खान मूल रूप से मेरठ के अफगानपुर के रहने वाले है. अमानतुल्लाह खान की जीत पर उनके परिजन और रिश्तेदार मेरठ में जश्न मना रहे थे. यूपी पुलिस पर आरोप है कि जश्न मना रहे लोगों और अमानतुल्लाह खान के चचेरे भाई से पुलिस ने अभद्रता की और मारपीट की. आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की भतीजी, परिजनों और रिश्तेदारों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर पुलिस पर ये आरोप लगाए हैं.
अमानतुल्लाह खान के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि सिर के बाल पकड़कर कर घसीटा और पिटाई भी की. दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत और भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस की करारी हार के बाद अमानतुल्लाह खान के परिजनों ने योगी की पुलिस पर मारपीट और बदसलूकी के आरोप लगाए हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को 70 में से 62 सीटों पर जीत मिली है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 8 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने भी भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली में चुनाव प्रचार किया था. हालांकि चुनाव नतीजे अनुकूल नहीं आए. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से खाता नहीं खोल पाई.