उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी पूर्णकालिक डीजीपी बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह आदेश जारी कर दिये गए हैं। ओपी सिंह का कार्यकाल पूरा होने के बाद हितेश चंद्र अवस्थी कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। एक माह चार दिन लोक सेवा आयोग से अनुमति मिलते ही हितेश चंद्र अवस्थी नियमित डीजीपी बना दिया गया है। उनका कार्यकाल 29 जून, 2021 तक होगा।
हितेश चंद्र अवस्थी 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अपने करियर में साफ छवि के अफसरों में गिने जाने वाले हितेश चंद्र अवस्थी करीब 14 वर्ष तक सीबीआई में तैनात रहे हैं। आईपीएस अवस्थी ने 31 जनवरी को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला था। अवस्थी 12 साल तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में भी कार्यरत रहे हैं।
हितेश चंद्र अवस्थी का गृह जनपद लखनऊ ही है। वह राजनीति विज्ञान में एमए हैं। इसके अलावा उन्होंने डिप्लोमेसी और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमफिल किया हुआ है। एडीजी पद पर प्रोन्नत होने से पहले वह दो बार सीबीआई में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। वह वर्ष 2001 में पहली बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए और सीबीआई में एसपी के पद पर काम किया। इसके बाद वर्ष 2005 में वह दोबारा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए।
हितेश चंद्र अवस्थी वर्ष 2005 से 2008 तक नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) में डीआईजी/डिप्टी डाइरेक्टर तथा 2008 से वर्ष 2013 तक सीबीआई में आईजी/ज्वाइंट डाइरेक्टर के पद पर कार्यरत रहे। अवस्थी डीआईजी के पद पर रहते हुए प्रदेश के गृह विभाग में दो बार विशेष सचिव भी रहे। जिले के एसपी के रूप में उनकी तैनाती अविभाजित उत्तर प्रदेश के दो जिलों टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार में रही है। एसपी पद पर तैनाती से पहले वह बरेली, शाहजहांपुर, लखनऊ, सहारनपुर व आगरा में तैनात रहे। डीआईजी के रूप में वह आजमगढ़ व आगरा रेंज में तैनात रहे हैं।
हितेश चंद्र अवस्थी एडीजी क्राइम पद पर रहते हुए वर्ष 2016 में डीजी पद पर प्रोन्नत होने के बाद डीजीपी मुख्यालय, टेलीकॉम, होमगार्ड्स, एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन (एसीओ) तथा आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) में डीजी पद पर काम कर चुके हैं। छह जुलाई 2017 से वह डीजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत रहे हैं।