माघ मेला के परेड मैदान स्थित भारतीय किसान यूनियन के शिविर में हुई कार्यकारिणी की बैठक में किसानों की समस्याओं पर चर्चा की गई। मुख्य फोकस बिजली महंगी पर रहा। किसानों ने कहा कि अब इस मुद्दे को लेकर वे आवाज बुलंद करेंगे।
बोले, देश के अन्य राज्यों की तुलना में यहां बिजली ज्यादा महंगी है
लाल सड़क पर लगे शिविर में प्रदेश के लगभग सभी जिलों से किसान आए हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश और बिहार के भी किसान हैं। किसान संगम में डुबकी लगाने के बाद अपनी समस्याओं को लेकर मंथन कर रहे हैं। कार्यकारिणी की बैठक में किसानों ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में यहां पर बिजली ज्यादा महंगी कर दी गई है। राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू करके घर-घर कनेक्शन देने और गांव-गांव विद्युतीकरण का काम ठीक किया है लेकिन बिल ज्यादा बढ़ा दिया गया है। नलकूप का भी बिल दोगुना से ज्यादा कर दिया गया है। इसे कम करना चाहिए, अन्यथा किसान इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे।
बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ प्रदेश भर के किसान आंदोलन करेंगे : टिकैत
राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ प्रदेश भर के किसान आंदोलन करेंगे। सरकार को खासकर किसानों के लिए बिजली की दरें कम करनी होगी। उन्होंने गन्ना, आलू और सीड बिल का भी मुद्दा उठाया। बताया कि आलू का उत्पादन तो बेहतर हो रहा है लेकिन भंडारण की व्यवस्था पर्याप्त न होने से उसे फेंकना पड़ता है। बैठक में प्रयागराज के जिलाध्यक्ष सालिगराम यादव सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।
कल्पवासियों को पेयजल और शौचालय का संकट
नैनी अरैल घाट पर कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल व शौचालय की सुविधा अभी तक नहीं मिल सकी है। शौच के लिए कल्पवासियों को एक किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। दिव्यांग और बुजुर्ग कल्पवासी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। अरैल घाट के सेक्टर छह में पेयजल के लिए एक भी नल नहीं था। कल्पवासियों की शिकायत पर मुख्य मार्ग पर दो नल लगाए गए। महुवारी निवासी गुमान सिंह ने बताया कि मेला शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक हो गया है, लेकिन मेला प्रशासन उनकी कोई सुधि नहीं ले रहा। लोग टेंट से निकलकर पानी लेने के मुख्य मार्ग तक जाते हैैं, जहां लाइन लगाना पड़ता है।