Union Budget 2020 : दो वर्ष पुरानी बात है। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने कहा था- अब समय है, जब ‘अन्नदाता को ऊर्जादाता’ (किसान को बिजली पैदा करने वाला) बनाया जाए। पंजाब सरकार ने तो इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने ‘कुसुम’ योजना का दायरा बढ़ाकर किसानों को ऊर्जादाता बनाने और भूजल स्तर को बचाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। केंद्रीय बजट में पंजाब के किसानों की झोली तो नहीं भरी, लेकिन कुछ उम्मीद जरूर जगी है। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का भरोसा दिया है। हालांकि, ऐसा कैसे होगा, इसका रोडमैप फिलहाल स्पष्ट नहीं है। मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग (MSME) सेक्टर पर बजट की हल्की फुहार पड़ी है।
MSME को मंदी से उबारने के लिए राहत दी गई है। वित्तीय सलाहकार व सीए अश्विनी गुप्ता कहते हैं, ऋण रिस्ट्रक्चरिंग के लिए एक साल की अवधि बढ़ा दी है। MSME के लिए कैपिटल मनी बड़ी समस्या थी। डैट इक्विटी को अब कैपिटल मनी माना जाएगा। इससे MSME की ऋण लेने की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। पंजाब में MSME सेक्टर का दायरा काफी बड़ा है और सरकार का यह फैसला पंजाब के लिए लाभदायक साबित होगा।
ऑनलाइन रिफंड से समय पर मिलेगा पैसा
निर्यातकों के बिजली शुल्क और डीजल पर दिए जाने वाले वैट का रिफंड भी अब ऑनलाइन किया जाएगा। पहले यह लंबे समय तक रुके रहते थे। ऑनलाइन रिफंड आने से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि इंडस्ट्री को समय पर पैसा भी मिलेगा। निश्चित रूप से इंडस्ट्री के लिए यह एक अच्छा कदम है।
पूरे होंगे विदेश में रोजगार के सपने
पंजाब के उन युवाओं के सपने पूरे हो सकते हैं, जो विदेश जाकर अपना भविष्य संवारना चाहते हैं। विदेश में टीचर, नर्स और मेडिकल असिस्टेंट की मांग तो है, लेकिन पंजाब के कई युवा इसलिए विदेश नहीं जा पाते क्योंकि उन्हें वहां जाकर दोबारा परीक्षा देनी होती है। पंजाब के युवा विदेशी स्किल डिमांड के मुताबिक खरे नहीं उतरते है। एक तरफ पंजाब सरकार ऐसे युवाओं के लिए आइलेट्स क्लासें चलाने पर विचार कर रहा है। दूसरी तरफ केंद्रीय बजट में स्किल डेवलपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार ने विशेष ब्रिज कोर्स तैयार करने की बात कही है। पंजाब की दृष्टि से इसे एक अच्छा कदम माना जा रहा है।