पुलवामा हमले पर भारत को आंतक के खिलाफ दुनिया भर के देशों से समर्थन मिल रहा है। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव लेकर आने वाला है। इस बीच दुनिया के कई बड़े देश इस प्रस्ताव को एक मत से पारित करने के लिए सहमति दे रहे हैं।
जब रूसी मंत्री डेनिस मंटुरोव से पूछा गया कि क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव आता है, तो क्या रूस इस मामले में भारत का समर्थन करेगा। इस पर उन्होंने कहा- निश्चित रूप से। इसके साथ ही हम आतंकवादी हमले पर अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहेंगे। रूस आतंकवाद के सवाल पर भारत का समर्थन करता है।
पिछले 10 वर्षों में यूएन में यह चौथा मौका होगा, जब इस तरह का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इस बार भी दुनिया की नजरें चीन पर हैं, जो हर बार इस प्रस्ताव पर वीटो लगाकर मसूद अजहर और जैश पर प्रतिबंध लगाने से रोक देता है। हालांकि, इस बार प्रस्ताव भारत की तरफ से नहीं, बल्कि फ्रांस की तरफ से लाया जा रहा है।
साल 2009 और 2016 में भारत ने यूएन के सेक्शन कमिटी 1267 में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया था। यही आतंकी सरगना पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर जनवरी 2016 में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था। साल 2016 के प्रस्ताव में भारत के साथ P3 देश थे। उस समय अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साथ दिया था।
2017 में इन्हीं P3 देशों ने यूएन में ऐसा ही प्रस्ताव पेश किया था। मगर, हमेशा की तरह चीन ने यूएन में प्रस्ताव मंजूर होने की राह में रोड़े अटका दिए थे।
दुनिया के 40 देश भारत के साथ खड़े
बताते चलें कि बुधवार को आतंक के खिलाफ भारत को न्यूजीलैंड का समर्थन मिला। न्यूजीलैंड की संसद ने पुलवामा हमले के खिलाफ भारत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है। बताते चलें कि 14 फरवरी को जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली है, जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर है। आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इजरायल ने कहा कि वह जांच में सहयोग के लिए तैयार है और उसने बिना शर्त भारत को हर तरह की मदद देने की पेशकश भी की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुलवामा हमले को भयावाह करार देते हुए कहा कि उनके पास रिपोर्ट्स हैं और वह सही वक्त आने पर बयान देंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और भूटान जैसे पड़ोसी देशों सहित दुनिया के 40 से अधिक देशों ने भारत का समर्थन किया है।