हल्द्वानी हिंसा के सप्ताहभर बाद दो घंटे की रियायत मिलने पर लोग सुबह नौ बजे घरों से अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए बाहर निकले। दुकानों पर रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए भीड़ जुटने पर कई लोगों को नमक, चीनी, आटा चावल भी पर्याप्त नहीं मिल पाया।
हल्द्वानी हिंसा के सप्ताहभर बाद बृहस्पतिवार को दो घंटे की रियायत मिलने पर लोग सुबह नौ बजे घरों से अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए बाहर निकले। इस दौरान बॉर्डर के इलाकों से आवाजाही बंद रहने से लोगों को कर्फ्यूग्रस्त इलाकों की दुकानों पर ही निर्भर रहना पड़ा। सीमित दुकानों पर रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए भीड़ जुटने पर कई लोगों को नमक, चीनी, आटा चावल भी पर्याप्त नहीं मिल पाया, जिससे परेशान हुए लोग लाइन लगाकर भी जरूरत का सामान पूरी तरह नहीं खरीद सके। ऐसी आपाधापी में मजदूर वर्ग के कई लोगों के पास तो जरूरत का सामान खरीदने के लिए पैसे तक नहीं थे।
बृहस्पतिवार को दो घंटे की छूट तो मिली, लेकिन कर्फ्यूग्रस्त इलाकों के बॉर्डर वाले क्षेत्र में पाबंदी रहने के चलते लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। सुरक्षा के चलते बाहर और अंदर दोनों ही तरफ से आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। क्षेत्र के अनस ने बताया कि वह कपड़े की दुकान में मजदूरी करता है। अपने घर का इकलौता कमाने वाला है। घर पर बूढ़ी मां और पिता के अलावा दो छोटी बहनों के लिए वह राशन की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। इधर कई दूसरे मजदूरों की भी यही समस्या थी।
आईकार्ड दिखाने पर बच्चों को मिली परीक्षा देने जाने की इजाजत
कर्फ्यूग्रस्त इलाके से परीक्षा देने जा रहे बच्चों को स्कूल का पहचान पत्र या परीक्षा प्रवेश पत्र दिखाने पर आवाजाही की इजाजत दी गई। खंड शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा ने बताया कि बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को कार्ड दिखाकर छूट दी जा रही है, जबकि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों के स्कूलों में परीक्षा की पाबंदी अब भी जारी है।