उत्तराखंड रोइंग एसोसिएशन के चुनाव का विवाद हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ व रोइंग एसोसिएशन को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जवाब आने के बाद रोइंग एसोसिएशन शपथ पत्र दाखिल करे। उत्तराखंड रोइंग एसोसिएशन के नाराज पक्ष ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रोइंग एसोसिएशन के चुनाव को चुनौती दी।
ओलंपिक संघ की भूमिका संदिग्ध
उत्तराखंड रोइंग एसोसिएशन के नाराज पक्ष ने दायर याचिका में कहा है कि एक ही परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव किये जा रहे हैं। जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ की भी भूमिका संदेह के घेर में है। याचिका में स्पोट्र्स कोड का भी उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए 30 जनवरी को अधिसूचना जारी की गई और 31 जनवरी को नामित सदस्य का नाम भेजा गया, मगर ओलंपिक संघ ने तीन फरवरी को चुनाव निरस्त करने की घोषणा के साथ 10 फरवरी को चुनाव करने का आदेश दे दिया। इसके बाद चुनाव के लिए 11 फरवरी को नामांकन की तारीख तय कर दी गई। याचिका में इस प्रक्रिया को सरासर गलत बताते हुए चुनाव को निरस्त करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति एमके तिवारी की एकलपीठ में सुनवाई
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने की। न्यायमूर्ति ने मामले को सुनने के बाद रोइंग एसोसिएशन व भारतीय ओलंपिक संघ को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
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