उत्तराखंड में सर्दी का सितम जारी है। मौसम के तल्ख तेवर दून और मसूरी में भी परीक्षा ले रहे हैं। मसूरी में कोल्ड डे कंडीशन रही। यहां अधिकतम पारे में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। मुक्तेश्वर के बाद मसूरी पूरे प्रदेश में सबसे सर्द रहा। 
इधर, दून में भी तीन साल बाद न्यूनतम पारा चार डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया। मसूरी की पहाडिय़ों से चल रही बर्फीली हवाओं ने दून में भी कंपकंपी बढ़ा दी। दोपहर बाद बदले मौसम ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया।
दून और मसूरी में कड़ाके की ठंड का प्रकोप है। सुबह धूप खिल रही है, लेकिन दोपहर में आसमान में बादल ने डेरा डाल रहे हैं। साथ ही बर्फीली हवाओं ने सर्दी के सितम को और बढ़ा दिया है। मसूरी में पारे में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। यहां न्यूनतम पारा एक डिग्री सेल्सियस के करीब है, जबकि अधिकतम तापमान भी पांच डिग्री सेल्सियस के निकट आ गया है।
उधर, कुमाऊं मंडल का मुक्तेश्वर प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान माइनस दो डिग्री तो अधिकतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी कम दर्ज किया गया। प्रदेशभर में नौ शहरों का अधिकतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस से भी कम पहुंच गया है। न्यूनतम तापमान में भी भारी गिरावट आई है। ऐसे में कई शहरों में रविवार को कोल्ड डे कंडीशन रही।
मसूरी में बादल छाए रहने और सर्द हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई। ऐसे में यहां मुख्य बाजारों में दिन के समय ही लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मसूरी में शनिवार को पड़ी बर्फ पिघलने लगी है, ऐसे में ठंड में इजाफा हुआ है।
धूप न खिलने के कारण अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है। अभी मसूरी में अगले तीन दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। जिससे यहां ओलावृष्टि और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। साथ ही दून में भी बारिश के आसार हैं।
दून में तीन साल बाद जनवरी का सबसे सर्द दिन
मसूरी के साथ ही दून में भी सर्दी कहर ढा रही है। रविवार को यहां सुबह के समय धूप खिली, लेकिन दोपहर होते-होते बादल उमड़ने लगे। घने बादल छाये रहने से शाम तक बारिश की संभावना बनी रही। हालांकि, दून में बारिश नहीं हुई, लेकिन तापमान गिरने से पारे में गिरावट जरूर आ गई। दोपहर से ही यहां मसूरी की ओर से बर्फीली हवाएं दुश्वारियां बढ़ाने लगीं। शाम होते-होते पारा और गिर गया व चौक-चौराहों पर अलाव जल गए।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार रविवार को दून का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 16.6 और 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम पारे में आई गिरावट तीन साल का रिकॉर्ड है, इससे पहले 2017 में 11 जनवरी को न्यूनतम पारा तीन डिग्री से भी नीचे पहुंच गया था।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस बार मौसम के मिजाज को देखते हुए पारा अभी और लुढ़कने की संभावना है। दून और आसपास क्षेत्र में मुख्यत: बादल छाये रहेंगे। हल्की बारिश की संभावना है। 2200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के भी आसार बन रहे हैं।
मसूरी-चकराता में पर्यटकों का रेला
मसूरी समेत आसपास की पहाड़ियों और चकराता के लोखंडी आदि क्षेत्रों में हिमपात के बाद ही बड़ी संख्या में इन क्षेत्रों में पर्यटक उमड़ने लगे। मसूरी-धनोल्टी और मसूरी-चकराता मार्ग पर पर्यटकों की खासी आवाजाही रही। मसूरी के बुरांशखंडा, धनोल्टी, सुरकंडा, नागटिब्बा, दूधली भदराज, जॉर्ज एवरेस्ट व लालटिब्बा, विन्सेंट हिल, गनहिल, कंपनी गार्डन, कैमल्स बैक रोड आदि क्षेत्रों में अभी भी पर्यटकों का तांता लगा हुआ है।
बर्फ का आनंद लेने पहुंचे पर्यटकों को सुवाखोली के पास जाम से जूझना पड़ा। उधर, चकराता में भी पर्यटकों से बाजार गुलजार है। हालांकि, अधिकांश पर्यटक लोखंडी में ही बर्फ का आनंद ले रहे हैं। इसके अलावा मोइला टॉप में पर्यटक बर्फ में मौज-मस्ती कर रहे हैं।
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