मौसम विभाग की भविष्यवाणी के उलट उत्तराखंड में मौसम ने 48 घंटे पहले ही करवट बदल ली। यहां चारधाम समेत गढ़वाल के मसूरी, धनोल्टी, सुरकंडा और कुमाऊं मंडल के बागेश्वर, नैनीताल के किलबरी और मुनस्यारी में भारी हिमपात हुआ। वहीं, देहरादून, रामनगर, हल्द्वानी और ऊधमसिंह नगर में झमाझम बारिश हुई। बारिश और बर्फबारी के कारण समूचा उत्तराखंड शीत लहर की चपेट में आ गया है। प्रमुख हिल स्टेशनों में बड़ी संख्या में पर्यटक उमड़नेलगे हैं, जबकि मौसम का मिजाज देखते हुए जिला प्रशासन भी अपने-अपने क्षेत्र में सतर्क हो गया है। मौसम विभाग ने अभी नौ जनवरी तक मौसम के मिजाज बिगड़े रहने की संभावना जताई है।
उत्तराखंड में डेढ़ दिन के भीतर ही मौसम के तेवर फिर तल्ख हो गए। मौसम विज्ञान केंद्र ने छह जनवरी से मौसम खराब होने की संभावना जताई थी। लेकिन, मौसम ने सभी को चौंकाते हुए शनिवार को ही मिजाज बदल दिए। मैदानी इलाकों में सुबह धूप खिली, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह ही कहीं-कहीं ओलावृष्टि और हिमपात शुरू हो गया। पूरे दिन पहाड़ों में हिमपात के कई दौर हुए। जबकि, मैदानों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रही। जिससे प्रदेश के अधिकांश शहरों में तापमान में भी भारी गिरावट आई और बर्फीली हवाओं ने मैदानी इलाकों में दिनभर कंपकंपी छुड़ाई।
गढ़वाल मंडल में मसूरी में नए साल का पहला हिमपात हुआ और मुख्य शहर में भी सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। इसके अलावा सुवाखोली, सुरकंडा, धनोल्टी, प्रतापनगर, नागटिब्बा क्षेत्र भी बर्फ से लकदक हो गए। चमोली में निचले स्थानों में बारिश और औली सहित चोटियों में खूब बर्फबारी हुई।
बर्फबारी के कारण औली मोटरमार्ग कवांण बैंड से आगे बंद हो गया। केदारनाथ, बदरीनाथ समेत चारों धामों में भारी हिमपात जारी है। जबकि, त्रियुगीनारायण, चोपता, दुगलबिट्टा, पंवालीकांठा, गौरीकुंड, चिरबटिया समेत सभी स्थानों पर भी हल्की बर्फबारी हुई। केदारनाथ में लगातार हो रही बर्फबारी से पुनर्निर्माण कार्य ठप हैं।
उधर, कुमाऊं मंडल में उच्च हिमालयी क्षेत्र थलकेदार, ध्वज, सौदलेख, दारमा, व्यास, चौदास सहित कई चोटियों पर हिमपात हुआ। थल-मुनस्यारी मार्ग भारी हिमपात के चलते शनिवार को फिर बंद हो गया। रातापानी से लेकर मुनस्यारी तक 22 किमी क्षेत्र में भारी हिमपात जारी है। बागेश्वर में पिंडर घाटी के खाती, जांटोली, धुर धाकुली, किलपारा, खलझूनी, बदियाक आदि चोटियों पर भी जबरदस्त हिमपात हो रहा है।