केंद्र सरकार ने प्रदेश से भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के ऐसे अधिकारियों की सूची तलब की है, जिनके खिलाफ विभिन्न मामलों में जांच चल रही है। साथ ही केंद्र ने इनके खिलाफ चल रही जांच का अपडेट भी मांगा है।
केंद्र सरकार इस समय विभिन्न मामलों में आरोपित आइपीएस अधिकारियों की कुंडली बांच रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने एक पत्र उत्तराखंड सरकार को भी भेजा है। इस पत्र में विभिन्न मामलों में आरोपित चल रहे अधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी गई है।
शासन में अब ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। अभी तक शासन के पास ऐसे केवल तीन ही नाम सामने आए हैं। ये तीनों ही सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक हैं। इनमें डीजीपी पीडी रतूड़ी और डीजीपी राकेश मित्तल वर्ष 2003 में हुए दारोगा भर्ती घोटाले में आरोपित रहे हैं।
दरअसल, राज्य गठन के बाद जब प्रदेश में पहली बार दारोगाओं की भर्ती हुई थी तो इसमें गड़बड़ी के आरोप लगे थे। कहा गया कि कुछ चुनिंदा लोगों को पास कराने के लिए अंकपत्रों में गड़बड़ी की गई। इस मामले की शुरुआत में विभागीय जांच कराई गई। विभागीय जांच में घोटाले की प्रथम दृष्ट्या पुष्टि होने पर मामले को सीबीआइ को सौंपा गया। फिलहाल मामला सीबीआइ कोर्ट में चल रहा है।
वहीं, डीजीपी बीएस सिद्धू पर वर्ष 2016 में देहरादून के राजपुर क्षेत्र स्थित वीरगिरवाली में आरक्षित वन क्षेत्र में भूमि खरीदने और पेड़ काटने के आरोप लगे हैं। सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले इन्हें चार्जशीट सौंपी गई थी। उन्होंने इस मामले में कैट में अपील की लेकिन अपील खारिज हो गई। अभी इस मामले की जांच पूर्व आइएएस अधिकारी डीके कोटिया कर रहे हैं। शासन इन तीनों ही मामलों की पूरी पत्रावली तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही केंद्र भेज दिया जाएगा।
कोटिया को जल्द भेजा जाएगा रिमाइंडर
शासन अब पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के मामले की जांच के संबंध में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी डीके कोटिया को रिमाइंडर भेजने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, अक्टूबर में शासन ने यह जांच सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया को सौंपी थी। उनसे जल्द से जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने की अपेक्षा की गई थी। तीन माह बाद अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। अब केंद्र के पत्र के बाद शासन कोटिया को भी रिमाइंडर भेजने की तैयारी कर रहा है।