आरती को ‘आरात्रिक’ और नीराजन नाम से भी संबोधित करते हैं। पूजन कार्य के पाश्चात अन्त में आरती करने का प्रावधान है। आरती का मुख्य उद्देश्य पूजन विधि में रह जाने वाली त्रुटि की पूर्ति करना है। जो भक्त आरती …
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