Solar Eclipse 2019: साल का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) आज सुबह देखा गया। पटना में सूर्यग्रहण 8.24 बजे शुरू हुआ , जो 11.18 बजे तक रहा। बिहार के कई जिलों में सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा देखा गया। कुल साढ़े तीन घंटे तक लगनेवाले इस ग्रहण की शुरुआत भारत में सुबह 8 बजकर 4 मिनट से हो गई थी।
सूर्यग्रहण के दौरान सूरज आधे चंद्रमा के आकार का दिखा। ग्रहण खत्म होने के बाद श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए उमड़ पड़े। पटना के गायघाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रू घाट, काली घाट और दीघा घाट पर बड़ी संख्या में लोग स्नान करने को जुटे हैं। इसके साथ ही ग्रहण के दौरान बंद मंदिरों के कपाट ग्रहण खत्म होने के बाद खोल दिए गए हैं। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जा रही है।
धुंध और बादलों के बीच अर्धचंद्राकार दिखा सूरज
बिहार के कई जिलों में धुंध की वजह से सूर्य नहीं दिखा तो वहीं कई जिलों में आसमान में छाई धुंध के बावजूद साल 2019 के आखिरी सूर्यग्रहण दिखा, जिसे लोगों ने अपने-अपने कैमरे में कैद किया ।
पटना में सुबह सूर्य का अद्भुत नजारा दिखा, जिसे देखने के लिए लोग पटना के श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में एकत्रित हुए और विशेष उपकरणों से सूर्यग्रहण देखा। इसे देखने के लिए बच्चों की काफी भीड़ लगी रही। बच्चे सूरज की एक झलक पाने के लिए लाालायित दिखे।
57 साल पहले बनी थी सूर्यग्रहण की ये स्थिति
भारत में आज दिख रहे इस सूर्य ग्रहण की ऐसी परिस्थितयां आज से 57 साल पहले बनी थी, जब वर्ष 1962 में सूर्यग्रहण पर सात ग्रह एक साथ शामिल थे। आज सुबह 8:17 पर शुरू हुआ सूर्य ग्रहण, जिसका 9:37 पर मध्यकाल होगा और 10:57 के बाद यह ग्रहण खत्म हो जाएगा। वैसे इसका असर दोपहर बाद एक बजे तक रहेगा
पीएम मोदी ने भी देखा सूर्यग्रहण का नजारा, किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सूर्य ग्रहण का नजारा देखा और उन्होंने ट्विटर हैंडल से तस्वीरें भी शेयर की ।प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा कि कई भारतीयों की तरह मैं भी 2019 के सूर्य ग्रहण के बारे में उत्साही था।दुर्भाग्य से, मैं बादल के कारण सूर्य को नहीं देख सका लेकिन मैंने कोझीकोड और अन्य भागों में ग्रहण की झलक लाइव स्ट्रीम पर देखी। विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके इस विषय पर अपने ज्ञान को समृद्ध किया।’
इस सूर्यग्रहण का असर भारत समेत नेपाल, चीन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों पर दिखाई दिया। पटना स्थित श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष इंतजाम की गई थीं। यहां लोगों ने विशेष उपकरणों की मदद से सूर्य ग्रहण देखा। यहां सन ग्लासेज और टेलीस्कोपी जरिए बड़े पर्दे पर सूर्यग्रहण देखने की व्यवस्था भी की गई थी।
श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के खगोलविद विश्वनाथ गुप्ता ने बताया है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में सबसे ज्यादा केरल समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में दिखा। वहीं, बिहार और देश के अन्य सभी भागों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। बता दें कि इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था।
‘रिंग ऑफ फायर’ दिया गया नाम
बता दें कि आज लगा ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं था। क्योंकि इस बार चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाया था। इस ग्रहण में सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहा। साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिकों ने ‘रिंग ऑफ फायर’ का नाम दिया है।
खगोलविदों की मानें तो 26 दिसंबर के बाद अब अगला सूर्यग्रहण वर्ष 2020 में 21 जून को देखने को मिलेगा। सूर्यग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं और ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर के पट खुल गए हैं। जिसके बाद विशेष पूजा अर्चना की जा रही है।
हमारे देश में मान्यता है कि ग्रहण काल में सूर्य से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा से शरीर अपवित्र और दूषित हो जाता है। इसीलिए ग्रहण खत्म होने के बाद सबसे पहले पवित्र पानी से स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर से ग्रहण का दूषित प्रभाव खत्म हो जाता है।