हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा SC/ST में हुए बदलाव के बाद देश के हालातों में काफी परिवर्तन देखने को मिला है. 2 अप्रेल को देश के SC/ST समाज के लोगों ने इस एक्ट के खिलाफ भारत बंद किया था, जिसका देश-भर में व्यापक तरीके से असर देखने को मिला था जिसके बाद उत्तर भारत, मध्यप्रदेश ओर राजस्थान में हिंसा देखने को मिली थी, अब उत्तर प्रदेश के कुछ दलित नेताओं ने खून से राष्ट्रपति और पीएम के नाम एक खत लिखा है.
मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है, जहाँ भारतीय दलित पैंथर पार्टी के कुछ नताओं ने राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खून से एक खत लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है “‘महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जी भारत सरकार एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को संसद में अध्यादेश द्वारा कानून बनाकर फिर से पहले की स्थिति में उक्त अधिनियम को बहाल किया जाए.’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एससी/एसटी ऐक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया था. इसके अलावा एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दी थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में ऑटोमेटिक गिरफ्तारी की बजाय पुलिस को 7 दिन के भीतर जांच करनी चाहिए और फिर आगे ऐक्शन लेना चाहिए. यही नहीं शीर्ष अदालत ने कहा था कि सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती. गैर-सरकारी कर्मी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की मंजूरी जरूरी होगी.
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