केरल के सबरीमाला मंदिर में अब महिलाएं प्रवेश कर सकेंगी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया और सालों से चली आ रही प्रथा को खत्म कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबरीमाला मंदिर के प्रमुख पुजारी ही नाखुश हैं.
प्रमुख पुजारी कंडारारू राजीवारू का कहना है कि सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाला उच्चतम न्यायालय का फैसला ‘‘निराशजनक’’ है लेकिन मंदिर बोर्ड इसे स्वीकार करेगा.
त्रावणकोर देवोस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
पद्मकुमार ने कहा कि बोर्ड ने न्यायालय को सूचित किया था कि वे मौजूदा नियम को जारी रखना चाहते हैं लेकिन अब इस फैसले को लागू करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
उन्होंने कहा कि फैसले का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करेंगे. अयप्पा धर्म सेना के अध्यक्ष राहुल ईश्वर ने कहा कि वे पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे. ईश्वर सबरीमाला के पुजारी दिवंगत कंडारारू महेश्वरारू के पोते हैं, महेश्वरारू का इस साल मई में निधन हो गया था