भारतीय स्टेट बैंक खुद की गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) का बोझ कम करने की खातिर 8 एनपीए खाते बेचेगा. इसके जरिये उसका मकसद 3,900 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूल करना है. बैंक ने इसके लिए संपत्ति पुनर्सरंचना कंपनियों (एआरसी) और वित्तीय संस्थानों (एफआई) से निविदाएं मंगाई हैं.
बैंक ने अपनी वेबसाइट पर निविदा दस्तावेज अपलोड किए हैं. इसमें उसने बताया है कि ‘‘नियामकीय दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए वित्तीय संपत्तियों की बिक्री के बारे में बैंक की संशोधित नीति के तहत हम इन खातों को बेचने के लिए निविदा जारी करते हैं.”
यह निविदा एआरसी, बैंकों, एनबीएफसी और एफआई को बेचने के लिए जारी की जा रही है. उल्लेखित नियमों और शर्तों के साथ बेचने के लिए निविदा जारी करते हैं.
इन खातों में सबसे बड़ी राशि 1,320.37 करोड़ रुपये की है. यह कोलकाता स्थित रोहित फेरो टेक पर बकाया राशि है. दूसरे नंबर पर इंडियन स्टील कॉरपोरेशन लिमिटेड है. जिसके पास बैंक का 928.97 करोड़ रुपये बकाया है.
इंपेक्स फेरो टेक के पास 200.67 करोड़ रुपये, कोहिनूर स्टील प्राइवेट लिमिटेड के पास 110.17 करोड़ रुपये, मॉडर्न इंडिया कॉनकास्ट के पास 71.16 करोड़ रुपये और बल्लारपुर इंडस्ट्रीज के पास 47.17 करोड़ रुपये का बकाया है.
बता दें कि देश के अधिकतर सरकारी बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहे हैं. बैड लोन के इस बोझ से निकलने के लिए बैंक लगातार अपने स्तर पर नये-नये कदम उठा रहे हैं.
इसी बीच बता दें कि सोमवार को सरकार ने तीन सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की है. जिन बैंकों का विलय होगा. इसमें बैंक ऑफ बड़ोदा, विजया बैंक और देना बैंक शामिल है.