राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 19 और 20 मार्च को होने वाली बैठक में आगामी चुनावों के साथ-साथ संघ अपने भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय करेगा। संघ की इस बैठक में सरकार्यवाह से लेकर कई पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव भी किया जा सकता है।
आमतौर पर नागपुर में होने वाली ये बैठक इस बार बेंगलुरु में होने जा रही है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बैठक में आनुषांगिक संगठनों को नहीं बुलाया गया हैं। संघ की इस प्रतिनिधि सभा में बैठक में हर वर्ष 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेते हैं। लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए ये संख्या 550 तक ही रखी गई है।
बैठक में अंतिम दिन संघ प्रमुख मोहनराव भागवत का ऑनलाइन उद्बोधन होगा, जिसे ऑनलाइन सुना जा सकेगा। वहीं बैठक में हर प्रांत के एक या दो सत्र ऑनलाइन भी होंगे। बेंगलुरु की इस बैठक में संगठन के त्रैवार्षिक चुनाव भी होंगे। संघ में सरसंघचालक को छोड़कर अन्य पदों के लिए तीन वर्षों में चुनाव होते हैं।
आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पंतजलि, गायत्री परिवार, आर्ट ऑफ लिविंग और सद्गुरु जग्गी वासुदेव की संस्था के साथ मिलकर सामाजिक जागरुकता अभियान शुरू करेगा। प्रतिनिधि सभा में इसकी रूपरेखा भी तय होगी।
संघ के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर कहा कि कोरोना काल के दौरान लोगों का रुझान आयुर्वेद और योग की तरफ बढ़ा है। लोगों को पर्यावरण के प्रति रुचि बढ़ाने और जीवन प़द्धति को बेहतर बनाने के लिए सभी संगठन साथ मिलकर काम करेंगे। इसके लिए सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को साथ लेकर अभियान शुरू किया जाएगा। प्रतिनिधि सभा में आगामी तीन वर्षों के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की जाएगी।
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