RSS की जाहिल विचारधारा में केवल एक धर्म के अनुयायियों को देशभक्ति के प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं : अस्सुद्दीन ओवैसी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में एक किताब का विमोचन करते हुए एक बात कही, जिसके बाद विपक्ष के नेताओं ने भागवत को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया है. किताब के विमोचन के दौरान भागवत ने कहा था कि अगर कोई हिन्दू है तो वह देशभक्त ही होगा, क्योंकि यही हमारे धर्म के मूल में है और यही हिन्दुओं की प्रकृति भी है.

भागवत ने आगे कहा था, चाहे जो भी परिस्थिति हो लेकिन कोई हिन्दू कभी भी देशद्रोही नहीं हो सकता है.” भागवत द्वारा धार्मिक आधार पर देशभक्ति की बात पर ओवैसी ने पलटवार किया है.

ओवैसी ने लिखा, क्या भागवत जवाब देंगे: वे बापू के हत्यारे गोडसे के बारे में क्या बोलेंगे? नेली कत्लेआम (असम) के लिए जिम्मेदार आदमी के बारे में क्या कहेंगे? साल 1984 के सिख विरोधी दंगों और 2002 के गुजरात दंगों के बारे में क्या बोलेंगे?”

ओवैसी ने आगे कहा ”ये मानना तर्कसंगत है कि अधिकांश भारतीय देशभक्त हैं भले ही उनका धर्म कुछ भी हो. लेकिन ये केवल आरएसएस की जाहिल विचारधारा में ही है कि केवल एक धर्म के अनुयायियों को देशभक्ति के प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं जबकि अन्य को अपना जीवन यह साबित करने में बिताना पड़ता है कि उन्हें भी यहां रहने का अधिकार है और वे अपने आप को भारतीय कह सकते हैं.”

आपको बता दें कि मोहन भागवत ‘मेकिंग ऑफ अ हिंदू पेट्रिएट- बैकग्राउंड ऑफ गांधीजीज हिंद स्वराज’ नाम की एक किताब का विमोचन करने दिल्ली पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा था कि हिन्दू कभी देशद्रोही नहीं हो सकता.

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