पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि मौसम परिवर्तनशील है। किसान खेती से संबंधित काम मौसम को ध्यान में रख कर करें। सरसों बिजाई का अच्छा समय है।
मौसम के बिगड़े तेवरों और राइस मिलर्स की हड़ताल से धान की खरीद न होने से किसान परेशान हैं। मंडियों में पड़ी फसल को सोमवार की रात आई तेज बारिश ने भिगो दिया। खेतों में कटाई के लिए तैयार धान बर्बाद हो गया है। बारिश के कारण अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 18 डिग्री दर्ज किया गया। जिले में छह एमएम औसतन बारिश दर्ज की गई है। जींद मे 9 एमएम, सफीदों में 10 एमएम, पिल्लूखेड़ा में 15 एमएम, अलेवा मे पांच एमएम, जुलाना में 2 एमएम, नरवाना तथा उचाना में एक-एक एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार आगे मौसम परिवर्तनशील रहेगा।
किसानों ने मंगलवार को बताया कि मंडियां धान की फसल से भरी हैं। राइस मिलर्स की हड़ताल के चलते लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा है। रात की जिले में अच्छी बारिश हुई है, जिससे हजारों क्विंटल धान भीग गया है। रात में हुई बारिश से किसान पहले ही परेशान थे। मंगलवार दिन में बादलों के छाने से किसानों की धड़कनें ऊपर-नीचे होती रही। किसानों को लगातर भय सताता रहा कि मौसम के बिगड़े तेवर फसलों का बंटा धार न कर दें।
मौसम के बिगड़े तेवरों ने किसानों की परेशानी बढ़ाई
मंडी में आए किसानों ने बताया कि चालू सीजन में दस लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। खरीदी गई धान में से लगभग 25 हजार मीट्रिक टन धान का उठान नहीं हुआ है। जो मंडियों में अटका हुआ है। उससे कहीं ज्यादा धान किसानों का मंडियो में पडा हुआ है। जिसकी खरीद नहीं हो पाई है। जींद मंडी की बात की जाए तो दस हजार क्विंटल से ज्यादा धान मंडी में पड़ी हुई है। मौसम के बिगड़े तेवरों ने किसानों की परेशानी बढ़ाई हुई है।