देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को हतोत्साहित करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल वाहनों की संख्या कम करने के लिए इनके पंजीकरण शुल्क में कई गुना बढोतरी कर दी है। इन वाहनों का पुनः पंजीकरण शुल्क नए वाहन के पंजीकरण शुल्क से भी लगभग दोगुना कर दिया गया है। मतलब अब आप नया पेट्रोल या डीजल वाहन खरीदें या पुराने का पुनः पंजीकरण कराएं, इसके आपको जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।

नए नियमों के तहत आपको जल्द ही अब नई पेट्रोल या डीजल कार के पंजीकरण के लिए 5,000 रुपये का शुल्क देना पड़ेगा। वहीं पुराने पेट्रोल-डीजल वाहन के पुनः पंजीकरण (पंजीकरण नवीनीकरण) के लिए आपको 10,000 रुपये का शुल्क देना पड़ेगा। इन दोनों शुल्कों में तकरीबन 9 से 17 गुना की बढ़ोतरी की गई है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य पेट्रोल व डीजल कारों की बिक्री और उनके पंजीकरण नवीनीकरण को हतोत्साहित कर, इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देना है।

दो पहिया वाहन के पंजीकरण में भी 20 गुना इजाफा
इस प्रस्ताव में नए दो पहिया वाहनों के पंजीकरण शुल्क में भी 20 गुना तक की बढ़ोतरी की जानी है। नए दो पहिया का पंजीकरण शुल्क फिलहाल 50 रुपये है, केंद्र सरकार इसे बढ़ाकर अब 1000 रुपये करने जा रही है। दो पहिया वाहनों के पुनः पंजीकरण शुल्क में 40 गुना इजाफा किया जाना प्रस्तावित है। पुराने दो पहिया वाहन के पंजीकरण नवीनीकरण पर अब 50 रुपये की जगह 2000 रुपये का शुल्क देना पड़ेगा।
कैब पंजीकरण में 10 से 20 गुना बढ़ोतरी

नई कैब के पंजीकरण और पुरानों के पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क में भी 10 से 20 गुना की बढ़ोतरी की गई है। फिलहाल नई कैब के पंजीकरण या पुरानी कैब के पुनः पंजीकरण का शुल्क मात्र 1000 रुपये है। केंद्र सरकार अब नई कैब का पंजीकरण शुल्क 10,000 रुपये और पुरानी कैब के पुनः पंजीकरण का शुल्क 20,000 रुपये करने जा रही है।
आयातित वाहनों की बढ़ेगी कीमत
आयातित वाहन के पंजीकरण शुल्क में भी सरकार आठ गुना इजाफा करने जा रही है। फिलहाल आयातित वाहन का पंजीकरण शुल्क 5000 रुपये है। सरकार इसे बढ़ाकर 40,000 रुपये करने जा रही है। वर्तमान में आयातित दोपहिया वाहन का पंजीकरण शुल्क 2500 रुपये है। इसे बढ़ाकर 20,000 रुपये किया जा रहा है।
ई-वाहन पर बंपर छूट
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि अगले 40-45 दिनों में इस प्रस्तावित शुल्क पर सभी पक्षों की राय ली जाएगी। सभी पक्षों की राय के आधार पर प्रस्ताव में संशोधन कर फाइनल शुल्क का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उनके पंजीकरण शुल्क में छूट संबंधी नोटिफिकेशन पहले ही जारी कर चुकी है।
सरकार पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ कर नए वाहन खरीदने वालों को भी पंजीकरण शुल्क में छूट देने जा रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने हाल में बजट में ई-वाहन पर जीएसटी 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दिया है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर पर लगने वाले 18 फीसद जीएसटी को भी घटाकर पांच फीसद कर दिया गया है।
वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण शुल्क में 27 फीसद इजाफा
केंद्र सरकार के एक अधिकारी के अनुसार ट्रक, बस और अन्य भारी वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क में तकरीबन 27 फीसद का इजापा किया गया है। इसका मकसद ये है कि लोग 15 साल पुराने वाहनों का पुनः पंजीकरण कराने की जगह उसे कबाड़ में नष्ट कर दें। इसी तरह सरकार ने पेट्रोल व डीजल के वाणिज्यिक वाहनों के अनिवार्य फिटनेस टेस्ट की संख्या बढ़ाने का भी मसौदा तैयार किया है।
फिटनेस सर्टिफिकेट में दिव्यांग सुविधाओं को तरजीह
इसी तरह 15 साल पुराने वाहनों को अब साल में दो बार फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। अभी तक इन वाहनों को साल में एक बार फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता था। सरकार ने मैन्युअल और ऑटोमैटिक फिटनेस टेस्ट के शुल्क में बढ़ोतरी का भी फैसला लिया है। नए मसौदे में प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा।
अतिरिक्त शुल्क उस स्थिति में वसूला जाएगा, जब 15 साल पुराने वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर होने से पहले नया फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल न कर लिया जाए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट संबंधी वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस में यात्री सुविधाओं को भी शामिल किया जाएगा। मसलन किसी यात्री बस में व्हील चेयर को चढ़ाने-उतारने की कैसी सुविधा है। बस में दिव्यांगों के लिए किस तरह की व्यवस्थाएं हैं। दिव्यांग संबंधी सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने वाली एजेंसियों की होगी।
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