हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। पर्यटन के जरिए सिर्फ आनंद और एक्सपीरियंस ही नहीं मिलता बल्कि इससे कई सारे लोगों को रोजगार भी मिलता है। देश के जीडीपी बढ़ाने में भी पर्यटन का बहुत बड़ा रोल होता है तो क्यों और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत जान लें यहां।
हर साल 25 जनवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के तौर पर मनाया जाता है। टूरिज्म के जरिए लोगों को सिर्फ एक्सरपीरियंस ही नहीं मिलता, बल्कि इससे कई सारे लोगों को रोजगार भी मिलता है। देश की जीडीपी बढ़ाने में पर्यटन का खास रोल होता है। इसी महत्व को बताने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी। आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें साथ ही किस थीम के साथ मनाया जा रहा है ये दिन।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का इतिहास
इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1948 से हुई थी। साल 1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के नेतृत्व में पर्यटन विभाग की स्थापना हुई। पर्यटन कैसे देश के विकास में सहयोग दे सकता है इस महत्व को समझते हुए सबसे पहले पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया। इसके गठन के लगभग तीन साल बाद यानी 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों स्थापित किए गए। फिर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी पर्यटन कार्यालयों की स्थापना हुई।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम
हर साल राष्ट्रीय पर्यटन दिवस एक अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल इसकी थीम है “स्टेबल जर्नी, टाइमलेस मेमोरी”।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय में मौजूद पर्यटन स्थलों का देश ही नहीं दुनियाभर में प्रचार करना है। इसके जरिए भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। इसके अलावा पर्यटन हर एक देश के लिए रोजगार का बहुत बड़ा साधन होता है, तो इस दिन को मनाने का एक मकसद रोजगार को भी बढ़ावा देना होता है।
राष्ट्रीय और अंतरर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस में अंतर
भारत में साल में दो बार टूरिज्म डे मनाया जाता है। जहां नेशनल टूरिज्म डे 25 जनवरी को मनाते हैं वहीं इंटरनेशनल टूरिज्म डे 27 सितंबर को मनाया जाता है।