Punjab Assembly Budget session में मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होतेही हंगामा हाे गया। कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने हंगामा किया। विपक्षी विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। असके बाद दोनों पार्टियों के विधायकों ने सदन से वाकाआउट किया। सदन में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आशु का पूरा बचाव किया और विपक्ष के हमलों को जवाब दिया। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन किया।
बता दें कि साेमवार को भी विपक्ष ने राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु पर एक निलंबित डीएसपी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों और पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता के करतारपुर कॉरिडोर पर दिए बयान को लेकर हंगामा किया था। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने फिर ये मामले उठाए और सरकार से जवाब मांगा।
इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि डीजीपी का बयान सही नहीं है। पाकिस्तान जिस तरह से पंजाब में गड़बड़ी फैलाने में लगा है और यहां के अमन व कानून की स्थिति को बिगाड़ने के लिए ड्रोन, आतंकी, हथियार और विस्फोटक भेजा जा रहा है उससे पुलिस फोर्स का चिंतित रहना लाजमी है। लेकिन, डीजीपी का इस तरह का बयान ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति से कभी भी गलती हो सकती है और इसके लिए डीजीपी ने माफी भी मांग ली है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इससे ज्यादा इस पर कोई और बात की जानी चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री के बयान से विपक्ष पूरी तरह से सहमत नहीं था।
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु का मामला उठाया। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। शिरोमणि अकाली दल के विधायक सदन के वेल में पहुंच गए। बाद में आप के विधायक भी वेल में पहुंच गए।
इस दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू का बचाव किया। 28 साल पुराने एक मामले में निलंबित डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों द्वारा आशु पर लगाए गए आरोपों के बारे में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अदालत उन्हें बाइज्जत बरी कर चुकी है। ऐसे में पुराने केसों को अब उठाने का कोई मतलब नहीं है। विपक्ष के नेता हरपाल चीमा इससे असहमति नहीं दिखाई दिए।
चीमा ने कहा कि भारत भूषण आशू केवल एक केस में फ्री हुए हैं और तीन केसों में तो अभी ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह तीनों केसों के बारे में अदालत द्वारा दी गई क्लीनचिट को सामने रखें। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि टाडा कानून के तहत जितने भी केस आतंकवाद के दौर में दर्ज किए गए थे उनकी जांच के लिए शिअद-भाजपा की सरकार ने एक आयोग का गठन किया था। इस आयोग ने 111 की जांच करके सभी केसों को निपटा दिया। ये तीनों के सभी उसी जांच में खत्म किए गए हैं।
विपक्ष ने कैप्टन अमरिेंदर की दलील से का विरोध किया। इसके बाद शिअद के विधायकों ने इसके खिलाफ वेल में जाकर नारेबाजी शुरू कर दी। शिरोमणि अकाली दल के विधायकों का कहना है कि 1992 में गुड़ मंडी और तीन महिलाएं के हत्या के मामले में चालान पेश नहीं हुआ। इसके बाद आप के विधायक भी वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे।
हरपाल चीमा ने कहा कि जब विरसा सिंह वल्टोहा के मामले में 32 साल बाद पुलिस चालान पेश कर सकती है, तो आशु के मामले में चालान क्यों नहीं पेश किया जा रहा है। चीमा ने कहा कि अगर आरोपित जिंदा है तो पुलिस 50 साल बाद भी चालान पेश कर सकती है। इसके बाद आप और शिअद के विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट किया। इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान के नेतृत्व में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।