पुलवामा हमले में शहीद हुए प्रदीप सिंह पर जहां देश को फक्र है, वहीं इंदरगढ़ थानाध्यक्ष को शायद इससे कोई सरोकार नहीं है। शहीद की पत्नी जब बरसी कार्यक्रम की अनुमति मांगने गईं तो उन्होंने मना करते हुए लौटा दिया। हालांकि बाद में गुहार लगाने पर डीएम ने कार्यक्रम कराने की अनुमति दे दी।
पुलवामा हमले में शहीद हुए थे प्रदीप
जिले के तिर्वा तहसील क्षेत्र के ग्राम सुखसेनपुर अजान निवासी प्रदीप सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे। उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि और बरसी का कार्यक्रम निर्धारित तय किया गया था। शहीद की पत्नी नीरज देवी ने बताया कि कार्यक्रम के लिए शासन के नियमानुसार इंदरगढ़ थानाध्यक्ष सुजीत कुमार वर्मा से अनुमति मांगने गईं तो उन्होंने मना कर दिया। निवेदन करने के बाद भी अनुमति नहीं दी और थाने से लौटा दिया। इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम रवींद्र कुमार को अवगत कराया। डीएम ने तत्काल अनुमति प्रदान कर शहीद की स्मृति में भव्य कार्यक्रम के निर्देश दिए।
क्या बोले जिम्मेदार
डीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि शहीदों का स्मरण करना गर्व की बात है। इसके लिए थानाध्यक्ष को मना नहीं करना चाहिए था। पुलिस अधीक्षक को भी मामले से अवगत कराया गया है। इस बारे में इंदरगढ़ के प्रभारी निरीक्षक सुजीत वर्मा ने बताया कि शहीद की पत्नी ने फोन पर कार्यक्रम की जानकारी दी थी। इसके बाद सपा नेताओं ने समाधि स्थल पर कवि सम्मेलन की अनुमति मांगी थी। शहीद के पिता का उनकी बहू से विवाद चल रहा है, जिस पर दोनों पक्षों से सहमति पत्र मांगा गया था। कार्यक्रम की अनुमति न देने का कोई सवाल ही नहीं है।
बेटी बनेगी सेना में अफसर, बेटा उड़ाएगा फाइटर प्लेन
पुलवामा हमले में शहीद हुए प्रदीप सिंह की पत्नी नीरज देवी मौजूदा समय में कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में रह रही हैं। उनके दो बेटियां 11 वर्षीय सुप्रिया और तीन वर्षीय सोना व बेटा प्रतीक हैं। वह कहती हैं कि पति बड़ी बेटी को सेना में अफसर बनाना चाहते थे। उनका सपना था कि उनकी तरह बेटी भी देश की सेवा करें, जबकि छोटी बेटी को प्रशासनिक सेवा में देखना चाहते थे। पति के शहीद होने के बाद अब उनका सपना पूरा करना ही लक्ष्य है। नीरज बतातीं हैं कि हादसे के समय वह गर्भवती थीं। अगस्त में बेटे प्रतीक ने जन्म लिया। जब वो थे, तब बेटा नहीं था। मगर वो हमेशा कहते थे कि बेटा होने पर उसे फाइटर प्लेन का पायलट बनाएंगे। पति का सपना अधूरा नहीं रहेगा।