भले ही पंजाब से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में गठबंधन का खुलेआम विरोध कर रहे हैं, लेकिन शुक्रवार शाम को कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की गई है उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि पंजाब में अभी भी कांग्रेस व आप के समझौते की संभावना बरकरार है। जिसके संकेत इस बात से मिल रहे हैं कि पहले आम आदमी पार्टी व अब कांग्रेस द्वारा जारी की गई लिस्ट में पंजाब के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की गई। जबकि कांग्रेस के पास 5 सीटों पर एमपी मौजूद हैं, जिसके बावजूद पहली लिस्ट में उनके नाम की घोषणा नहीं की गई। जिसे लेकर सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस व आप दोनों ही पंजाब में अकाली दल व भाजपा के समझौते की तस्वीर साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि अकाली दल व भाजपा के नेता इस समझौते को स्वीकार कर चुके हैं लेकिन किसान आंदोलन की वज़ह से इस संबंध में घोषणा होने में देरी हो रही है, जिसके मद्देनजर ही भाजपा दुआरा जारी की गई उम्मीदवारों की पहली लिस्ट से पंजाब को फिलहाल बाहर रखा गया है।जिसे लेकर आने वाले दिनों में फैसला होने के बाद ही कांग्रेस व आप अपना अगला रुख तय करेंगे क्योंकि पंजाब में अकाली दल व भाजपा के समझौते से इन दोनों पार्टियों को सीधा नुकसान होगा, जिसके मद्देनजर पंजाब में अभी भी कांग्रेस व आप के समझौते की संभावना बरकरार है। जिसकी बड़ी वजह यह भी है कि दूसरे राज्यों में समझौता होने के चलते पंजाब में भी मिलकर चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी व कॉंग्रेस के सामने कोई खास रुकावट नहीं होगी और इससे दोनों पार्टियों को मौजूदा स्थिति के मुकाबले फायदा होना तय है।
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