अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और पश्चिमी यूरोप में बड़ी संख्या में पंजाबी रहते हैं। बीते वर्ष पंजाब की 38 महिलाएं ओमान में फंस गई थीं, जोकि मानव तस्करी के रूट के जरिये यहां पहुंचाई गई थीं। इन महिलाओं को देश वापस लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।
स्टडी वीजा, वर्क परमिट या विदेश में ही बस चुकी पंजाब की बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार नई योजना पर काम कर रही है। इसके तहत अब परदेस रह रही बेटियों से बात कर उनका पूरा डाटा अब पंजाब पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के पास होगा। उनकी मदद के लिए हेल्प सेंटर बनाए जाएंगे। सरकार की ओर से समय-समय पर उनके संपर्क कर हालचाल पूछा जाएगा और फीडबैक लिया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद की जा सके। यह जानकारी पंजाब की महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने खास बातचीत में दी।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और पश्चिमी यूरोप में बड़ी संख्या में पंजाबी रहते हैं। बीते वर्ष पंजाब की 38 महिलाएं ओमान में फंस गई थीं, जोकि मानव तस्करी के रूट के जरिये यहां पहुंचाई गई थीं। इन महिलाओं को देश वापस लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस नई पॉलिसी पर काम चल रहा है, जोकि नए साल 2025 में लागू हो जाएगी।
नई पॉलिसी के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्प सेंटर भी बनेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर अगर वह अपने परिवार की मदद नहीं ले सकतीं, तो इन हेल्प सेंटर से संपर्क कर मदद ले सकती हैं। सरकार के पास विदेश में रह रही महिलाओं का पूरा रिकॉर्ड होगा, ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में उनकी मदद की जा सके।
कंट्रोल रूम और इंटरनेशनल हेल्पलाइन नंबर भी होगा
पुलिस की मदद से सरकार एक कंट्रोल रूम भी बनाएगी। इससे न केवल विदेश में रह रही महिलाओं की सुरक्षा की निगरानी रखी जाएगी, बल्कि जो बेटियां स्टडी वीजा, वर्क परमिट या स्पाउस वीजा पर विदेश जा रही हैं, सरकार उनका रिकॉर्ड रखकर भी नजर रख सकेगी। नई पॉलिसी के बाद पंजाब भर में जितने भी इमिग्रेशन ऑफिस हैं, उनसे संपर्क कर विदेश जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक इंटरनेशनल हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराया जाएगा, जोकि कंट्रोल रूम से लिंक होगा।