पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान के तहत जिले के शीर्ष अधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है और प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में काम कर रहा है। पिछले कई दिनों से प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक कर रहे है। पराली की घटनाओं को रोकने के लिए आज जमीनी स्तर पर एसएसपी मालेरकोटला गगन अजीत सिंह और डीएसपी राजन शर्मा, एस.एच.ओ. गुरुमीत सिंह, पटवारी और पुलिस बल के साथ सरौद गांव पहुंचे जहां किसान ने खेतों में पराली में आग लगा रखी थी एसएसपी मालेरकोटला खुद पास खड़े होकर आग को बुझवाया।
उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशानुसार पराली में आग लगाने पर प्रतिबंध है, यदि कोई पराली में आग लगाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पुलिस प्रशासन का सहयोग करें और वैकल्पिक प्रबंधन के साथ पराली का उचित समाधान करे। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि विभाग द्वारा दी गई सिफारिशों का पालन करना चाहिए और पराली को आग नहीं लगानी चाहिए। पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जिससे भयानक बीमारियाँ फैलती हैं, जो ज्यादातर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करती है।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है क्योंकि इससे मित्र कीट भी मर जाते है। इसलिए किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा दी गई सिफारिशों और निर्देशों का पालन करना चाहिए। इस मौके पर मौजूद किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मशीनरी की कमी के कारण हमें मजबूरी में धान की पराली में आग लगानी पड़ती है गांव को एक मशीन उपलब्ध है जबकि अधिक मशीनों की जरूरत है ताकि हमारा की गांठें बनाने का काम जल्दी और कुशलता से पूरा हो सके।
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