पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी नहीं आ रही है। इस सीजन में अब तक के कुल मामले बढ़कर 872 हो गए हैं, जबकि साल 2022 में इस समय अवधि के दौरान पराली जलाने के 987 और साल 2023 में 1230 मामले हुए थे।
पंजाब में रविवार को लगातार चौथे दिन पराली जलाने के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए। 162 नए मामलों के साथ पंजाब में अब तक पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 872 हो गई है। साल 2022 में इसी दिन पराली जलाने के 120 मामले और साल 2023 में 154 मामले आए थे।
लगातार ज्यादा पराली जलने से पंजाब की हवा दूषित होने लगी है। रविवार को बठिंडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 211 पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में रहा। शुक्रवार को यह 155 और शनिवार को 195 था। डाॅक्टरों के मुताबिक इस एक्यूआई में बाहर रहने पर ज्यादातर लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। अमृतसर का एक्यूआई 104, पटियाला का 106, लुधियाना का 120, खन्ना का 82 और मंडी गोबिंदगढ़ का 80 दर्ज किया गया। 10 अक्तूबर को पंजाब में पराली जलाने के 123, 11 को 143, 12 को 177 मामले आए थे। इन तीनों दिनों में पराली जलाने के मामले बीते दो सालों की तुलना में अधिक दर्ज किए गए थे।
रविवार को सबसे अधिक 48 मामले अमृतसर जिले से सामने आए। वहीं, पटियाला जिले में 26, तरनतारन में 38, सीएम भगवंत मान के जिला संगरूर में 16, मालेरकोटला, गुरदासपुर व कपूरथला में 4-4 मामले, फिरोजपुर में 7, मानसा में 5, बठिंडा, फाजिल्का, लुधियाना, मोगा व एसएएस नगर में 1-1 और जिला फतेहगढ़ साहिब में पराली जलाने के 2 मामले रिकॉर्ड किए गए।
पीपीसीबी के चेयरमैन आदर्श पाल विग के मुताबिक विभिन्न विभागों के मुलाजिम व अधिकारी लगातार फील्ड में पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए मॉनीटरिंग कर रहे हैं। इसे और तेज किया जाएगा। किसानों को भी लगातार जागरूक किया जा रहा है। पराली जलाने वालों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा रहा है।