हलवारा। रायकोट के मोहल्ला मोरी जट्टां में मंगलवार दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब पंजाब पुलिस के सिपाही राजीव कुमार रिंकू की सर्विस स्टेनगन से अचानक चली दो गोलियां सिर के पार हो गईं, रिंकू की मौके पर ही मौत हो गई। वह सोमवार रात चुनावी ड्यूटी से घर लौटे थे।
सिपाही रिंकू ने अपने पिता विक्रम सिंह के हाथों में आखिरी सांस ली और अस्पताल ले जाने पर मेडिकल स्टाफ ने उसे मृत घोषित कर दिया। मां के निधन और दोनों बहन की शादी हो जाने के बाद रिंकू अपने पिता विक्रम सिंह के साथ रहता था। पुलिस ने अभी गोली चलने के कारणों का खुलासा नहीं किया है और न ही खुदकुशी की बात सामने आ रही है। हालांकि मामले की जांच कर रहे थाना सिटी के सब इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह ने बताया कि चुनावी ड्यूटी से लौटने के बाद सिपाही राजीव कुमार रिंकू अपनी स्टेनगन साफ कर रहा होगा और अचानक स्टेनगन हाथों से छूटी और उसमें से चली दो गोलियां सिर के आर-पार हो गईं। रिंकू की मौत के बाद रायकोट में कई तरह की गॉसिप शुरू हो गई है लेकिन पुलिस और मृतक में परिजन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। सिटी रायकोट की पुलिस ने रिंकू के शव को पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए सिविल अस्पताल रखवा दिया है।
विक्रम सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि राजीव कुमार रिंकू श्री फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट पर बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ने वाले हरगोबिंद सिंह महेरना कलां का गनमैन था। सोमवार रात करीब 10 बजे घर आने के बाद रिंकू बिना खाना खाए सो गया। सुबह रिंकू ने छुट्टी पर होने की बात कही और आराम करने कमरे में चला गया। विक्रम सिंह के अनुसार मंगलवार सुबह 9 बजे वह अपनी करियाना की दुकान पर चले गए। दोपहर साढ़े 12 बजे जब वह खाना खाने घर आए तो खून से लथपथ रिंकू फर्श पर गिरा था। विक्रम सिंह के अनुसार उनके बेटे रिंकू ने उनके हाथों में आखिरी सांस ली, लेकिन वह तुरंत उसे लेकर अस्पताल पहुंचे जहां मेडिकल स्टाफ से भी उसे मृत घोषित कर दिया। उसके सिर में लगी दो गोली आरपार हो चुकी थी। विक्रम सिंह ने अपनी बेटे रिंकू की मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया और किसी के साथ दुश्मनी की बात से भी इन्कार किया है। इसके बाद थाना सिटी रायकोट की पुलिस ने उनके बयान पर कार्रवाई करते हुए रिंकू के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखवा दिया है।