जालंधर : केंद्र सरकार ने आई.ए.एस. ऑफिसर परमपाल कौर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब सरकार को पत्र भी लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि परमपाल कौर का इस्तीफा आल इंडिया सर्विस रूल के सर्विस 3 के तहत मंजूर किया गया है। यह नियम केंद्र सरकार को उन आई.ए.एस. अफसरों के इस्तीफे मंजूर करने की शक्तियां देता है, जिनके इस्तीफा राज्य सरकारों द्वारा मंजूर नहीं किए जाते। दरअसल केंद्र सरकार का परसोनल और ट्रेनिंग विभाग आई.ए.एस. आफिसरों की नियुक्तियां करता है और इसके बाद उनकी नियुक्तियां अलग-अलग राज्यों में की जाती हैं। लेकिन यदि राज्य द्वारा ऐसे आफिसरों के इस्तीफे मंजूर न किए जाएं तो केंद्र सरकार के पास इस्तीफे को मंजूर करने की शक्तियां हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने परमपाल कौर के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर आपत्ति जाहिर की थी और उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था। परमपाल कौर ने भाजपा ज्वाइन करने से पहले अपना इस्तीफा मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को भेजा था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस्तीफा मंजूर न होने के बावजूद वह भाजपा में शामिल हो गई और बठिंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही है।
भगवंत मान ने कहा था कि उनका इस्तीफा नियमों के खिलाफ हुआ है, लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य सरकार परमपाल के इस्तीफे के कारणों की जांच कर रही है और यदि उनका इस्तीफा सही मकसद से नहीं हुआ है तो उनके खिलाफ जांच की जाएगी। हालांकि यह जांच किस तरह की होगी और इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी, इस बारे उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया था।
भगवंत मान ने यह सारी घोषणा अपने ट्विटर हैंडल पर की थी और लिखा था कि सेवाओं से मुक्ति का भी एक तरीका होता है, उन्हें यह समझना चाहिए, इस तरीके से वह अपने जीवन की सारी संपत्ति गंवा सकती हैं। परमपाल कौर पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार में मंत्री रहे सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं और वह पंजाब स्टेट इंडस्ट्रियल डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन में मैनेजिंग डायरैक्टर के तौर पर काम कर चुकी हैं।