मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के न्यायिक प्राधिकरण ने मंगलवार को तब्लीगी जमात की जब्त संपत्तियों से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन पर फैसला सुरक्षित रख लिया। मनी लांड्रिंग मामले में तब्लीगी जमात के 17 भारतीय सदस्यों की जब्त संपत्तियों को अपने कब्जे में रहने देने का अनुरोध किया है।

ईडी ने पीएमएलए की धारा 17(4) के तहत मामले में आगे की जांच के लिए इन संपत्तियों और अभिलेखों को जब्ती में रहने देने का अनुरोध किया है। इन संपत्तियों और अभिलेखों को पीएमएलए की धारा 17 की उप-धारा (1) के तहत जब्त किया गया है।
अधिवक्ताओं आशिमा मंडल, मंदाकिनी सिंह और आकांक्षा राय द्वारा 16 में से सात प्रतिवादियों की तरफ दायर जवाब में कहा गया है कि ईडी आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही के लिए उचित कारणों को बताने में विफल रही है। न्यायिक प्राधिकरण ने सभी पक्षों को तीन दिन के भीतर लिखित जवाब दर्ज कराने को कहा है।
तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील आशिमा मंडल ने कहा कि अभी तक ईडी ने पीएमएलए के तहत दंडनीय संभावित बेनामी और हवाला लेनदेन को लेकर कोई साक्ष्य नहीं दिया है।
तलाशी के दौरान ईडी ने तब्लीगी जमात और उसके पदाधिकारियों के वित्त और लेनदेन से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक्स साक्ष्य, पेन ड्राइव और अन्य सामग्रियां जब्त की थीं।
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