PM मोदी ने राफेल विमानों का स्वागत संस्कृत के पवित्र श्लोको से किया

दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक राफेल की लैंडिंग भारत में हो गई है. सोमवार को फ्रांस से उड़ान भरने के बाद 5 राफेल विमानों ने बुधवार को अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर राफेल विमानों का स्वागत किया. खास बात ये है कि पीएम मोदी ने राफेल विमानों का स्वागत संस्कृत श्लोक से किया.

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ” राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्…स्वागतम्”

इसका मतलब है कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं. बता दें कि नभः स्पृशं दीप्तम् भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है. ‘नभ:स्‍पृशं दीप्‍तमनेकवर्ण व्‍यात्ताननं दीप्‍तविशालनेत्रम्। दृष्‍ट्वा हि त्‍वां प्रव्‍यथ‍ितान्‍तरात्‍मा धृतिं न विन्‍दामि शमं च विष्‍णो।।’

इसका मतलब है कि ‘हे विष्णो, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं.’

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में जो बातें कही हैं इसका जिक्र उन्होंने एक भाषण में भी किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा समं पुण्यं, राष्ट्र रक्षा समं व्रतम, राष्ट्र रक्षा समं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।।

जिसका मतलब है कि मैं राष्ट्र रक्षा जैसा न तो कोई पुण्य देखता हूं, ना ही राष्ट्र रक्षा जैसा कोई व्रत, ना ही राष्ट्र रक्षा जैसा कोई यज्ञ देखता हूं.

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राफेल विमानों का स्वागित किया. राजनाथ सिंह ने लिखा कि नई चिड़िया अंबाला में लैंड कर गई हैं.

राफेल विमान भारतीय वायुसेना की जरूरतों को हर तरह से पूरा करते हैं.उन्होंने कहा कि इन विमानों को लेकर जो आरोप लगाए गए थे, उनका पहले ही जवाब दे दिया गया है. राफेल लड़ाकू विमान एक नए युग की शुरुआत हैं.

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