प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिसंबर को समीक्षा बैठक बुलाई है। कैबिनेट मंत्रियों से अपने-अपने मंत्रालयों पर प्रजेंटेशन देने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष बैठक में शामिल हो सकते हैं। बैठक में मोदी संबंधित मंत्रालयों के चल रहे प्रोजेक्टों पर चर्चा कर सकते हैं।
फेरबदल होने पर मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने छह माह बीत जाने के बाद भी कोई फेरबदल नहीं किया है। पिछले कार्यकाल में मई 2014 में उनके पद संभालने के बाद तीन बार फेरबदल किया गया। पहला फेरबदल 9 नवंबर, 2014 को और दूसरा 5 जुलाई, 2016 को, तीसरा फेरबदल 3 सितंबर 2017 को किया गया। पिछली सरकार में छह महीने के भीतर ही उन्होंने नौ नवंबर 2014 को मंत्रिमंडल में बदलाव किया था। संविधान संशोधन के अनुसार किसी भी सरकार में मंत्रियों की संख्या लोकसभा की सदस्य संख्या जो कि 545 है, के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती
गौरतलब है कि अपने आक्रामक फैसलों के चलते देश में भाजपा और पीएम मोदी लगातार लोकप्रिय बने हुए हैं। यही कारण है कि देश के बड़े हिस्से में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद सरकार को अर्थव्यवस्था, महंगाई, रोजगार सहित कई मोर्चों पर और मजबूती से काम करने की जरूरत है। इसके लिए पार्टी से जुड़े और विशेषज्ञ लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।