भारत-चीन के बीच जारी सीमा गतिरोध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लद्दाख पहुंचकर सभी को हैरान कर दिया। पीएम मोदी ने नाजुक समय में सीमा पर पहुंचकर सैनिकों के जोश को दोगुना कर दिया है।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) प्रमुख एस एस देसवाल ने कहा कि पीएम मोदी के दौरा और निमू मे दिए उनके भाषण ने सीमा पर खड़े जवानों के मनोबल को और ऊंचा कर दिया है।
देसवाल ने कहा कि देश का राष्ट्रीय नेतृत्व, राजनीतिक नेतृत्व, सेना और जवान सब देश के लिए समर्पित हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि सीमा सुरक्षा और सभी सेनाओं का मनोबल चाहे वह थलसेना हो, वायुसेना या आईटीबीपी हो, सभी का मनोबल हाई है।
देसवाल ने कहा कि सीमा पर जवानों ने पहले भी देश की सुरक्षा के लिए बलिदान दिया है और वे भविष्य में भी अपना जीवन देश को समर्पित करने के लिए तैयार हैं।
आईटीबीपी मुख्य रूप से देश के पूर्वी हिस्से में चीन के साथ लगी 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा जिम्मेदारी संभालती है।
पूर्वी लद्दाख के गलवां घाटी क्षेत्र और अन्य स्थानों पर चल रहे गतिरोध के दौरान चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए सेना के साथ आईटीबापी के जवान भी तैनात रहते हैं।
लद्दाख के अचानक दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में घायल जवानों से मुलाकात की थी।
इस दौरान पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश के वीर सपूतों ने गलवां घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं। आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं।
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