देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक ओर भारत में नित नए कार्य करा रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर उनकी हत्या की साजिश रचने वाले भी कम नहीं हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल नईम उर्फ शेख समीर को शनिवार के दिन पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की बनगांव महकमा अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। बता दें कि शेख समीर को गत मंगलवार को अदालत ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं सूत्रों की माने तो फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद शेख समीर न्यायाधीश विनय कुमार पाठक के सामने यही सफाई देता रहा कि उसने पीएम की हत्या की कोई साजिश नहीं रची थी। जैसा कि आप जानते हैं कि देश में इस समय आतंकी संगठन कुछ ज्यादा ही सक्रिय हैं। वहीं बता दें कि शेख समीर लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य था। इसके साथ ही अप्रैल, 2007 में उसे पेट्रापोल सीमा स्थित एक परित्यक्त मकान से तीन अन्य लोगों के साथ सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ ने गिरफ्तार किया था और इसके साथ ही बता दें कि अन्य तीन के नाम मुहम्मद यूनुस, शेख अब्दुल्ला और मुजफ्फर अहमद राठौड़ हैं।
गौरतलब है कि सीआइडी ने उन चारों के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हथियार जमा करके रखने समेत कई संगीन आरोपों में मामला दर्ज किया था। वहीं बता दें कि शेख समीर मूल रूप से महाराष्ट्र के औरंगाबाद का रहने वाला है। बता दें कि सॉफ्टेवयर इंजीनियर समीर 2005 में सऊदी अरब गया था और वहां लश्कर-ए-तैयबा के एजेंट अहमद से उसका परिचय हुआ। जिसके बाद शेख समीर वहां से पाकिस्तान चला गया। वहां उसने आतंकी प्रशिक्षण लिया।
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