नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच शनिवार देर रात प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री केपी ओली से मुलाकात की. केपी ओली की तरफ से पार्टी के विभाजन का स्पष्ट संदेश अपने मंत्रियों को देने के बाद ये मुलाकात हुई. इस बातचीत को गोपनीय रखा गया है.

गौरतलब है कि इन दोनों नेताओं के बीच एक जुलाई को भी मध्य रात्रि में लंबी बातचीत हुई थी. उसी मुलाकात में आश्वासन मिलने के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली ने संसद सत्र को स्थगित करने और कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन का अध्यादेश लाने के लिए तैयार हो गए थे.
बता दें कि नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष बिमलेंद्र निधि ने दो दिन पहले ही ये संकेत दिया था कि कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन होने पर उनकी पार्टी ओली सरकार को समर्थन दे सकती है.
कल रात को ही विरोधी खेमे में रहे कम्युनिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष बामदेव गौतम के घर ओली समर्थक नेताओं ने 7 घंटे तक बैठक की. इस बैठक में ओली के तरफ से बामदेव को नई पार्टी का अध्यक्ष बनने और एक वर्ष बाद प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव भी दिया है. उनको अभी उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री का पद देने का प्रस्ताव भी किया गया. इसके अलावा राष्ट्रीय सभा में रिक्त एक मनोनीत पद पर उनकी नियुक्ति का लालच भी दिया गया है.
हालांकि अभी बामदेव ने इन सबसे इंकार कर दिया है. उन्होंने ओली के तरफ से धोखा दिए जाने के कारण उन पर विश्वास नहीं करने की बात भी कही है.
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