कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसमें जान फूंकने के लिए सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। सरकार के प्रति करदाताओं का भरोसा बढ़े इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईमानदार करदाताओं के लिए आज कई घोषणाएं की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैक्सपेयर्स चार्टर देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, ‘अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानी आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की गरिमा का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता।
पीएम मोदी ने लोगों को टैक्स देने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, ”इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है।”
उन्होंने कहा, “जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी। आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें।”
- प्रधानमंत्री ने प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा, ”कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली निर्बाध हो, कष्टरहित हो, फेसलेस हो। निर्बाध यानी टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे। कष्टरहित यानी टेक्नॉलॉजी से लेकर नियम तक सबकुछ सरल हो।”
- पीएम मोदी ने कहा, ”भारत के टैक्स सिस्टम में बुनियादी और संरचनात्मक सुधारों की जरूरत इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे-धीरे विकसित हुआ। आजादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन मुख्य रूप से सिस्टम का कैरेक्टर वही रहा।”
- अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ”जहां जटिलता होती है, वहां अनुपालन भी मुश्किल होता है। कम-से-कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी। बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है। अब जैसे, दर्जनों करों की जगह जीएसटी आ गया।”
- प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारे लिए सुधार का मतलब है, कि वह नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो, समग्र हो और एक सुधार, दूसरे सुधार का आधार बने, नए सुधार का मार्ग बनाए। और ऐसा भी नहीं है कि एक बार सुधार करके रुक गए। ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है।’
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ”एक दौर था जब हमारे यहां सुधारों की बहुत बातें होती थीं। कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें सुधार कह दिया जाता था। इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे। अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है।’
- उन्होंने कहा कि आज हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को प्रक्रिया और पावर सेंट्रिक अप्रोच से बाहर निकालकर उसको लोगों पर केंद्रित और लोगों के लिए सुगम बनाने पर बल दिया जा रहा है। ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”अब देश में माहौल बनता जा रहा है कि कर्तव्य भाव को सर्वोपरि रखते हुए ही सारे काम करें। सवाल ये कि बदलाव आखिर कैसे आ रहा है? क्या ये सिर्फ सख्ती से आया है? क्या ये सिर्फ सज़ा देने से आया है? नहीं, बिल्कुल नहीं।”
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ”एक दौर था जब हमारे यहां सुधारों की बहुत बातें होती थीं। कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें सुधार कह दिया जाता था। इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे। अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है।’
- पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं। ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।’
- प्रधानमंत्री ने पिछले 6 साल के दौरान अपनी सरकार के कामकाज की दिशा को रेखांकित करते हुए कहा, ”बीते 6 वर्षों में हमारा फोकस रहा है, बैंकिंग द अनबैंक्ड, सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड और फंडिंग द अनफंडेड। आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही है।”
- उन्होंने बताया कि फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब कर प्रणाली भले ही फेसलेस हो रही है लेकिन करदाताओं को ये न्याय और निर्भयता का विश्वास देने वाला है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। उन्होंने कहा कि फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू हो गए हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष टैक्सेशन प्लेटफॉर्म ‘Transparent Taxation Platform- Honoring The Honest’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोकापर्ण किया।देश में चल रहा संरचनात्मक सुधारों का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है।
- Transparent Taxation – Honouring The Honest, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है: नरेंद्र मोदी
इस बैठक में आयकर विभाग के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन में शामिल होंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से हाल के वर्षो में कई प्रमुख या बड़े सुधार लागू किए हैं। टैक्स सुधार कानूनों में बदलाव कर उसे करदाताओं के अनुकूल बनाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, जिससे कामकाज में पारदर्शिता लाई जा सके।
इसके तहत विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले हर कम्युनिकेशन पर एक कंप्यूटर जेनरेटेड यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है।
इसी तरह करदाताओं की सुविधा को देखते हुए आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न की प्रिफिलिंग की शुरुआत की है। इससे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में आसानी होती है। स्टार्टअप कंपनियों के लिए अनुपालन के नियमों को सरल बनाया गया है।
नई मैन्युुफैक्चरिंग इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 फीसद किया गया और लाभांश वितरण टैक्स को भी हटाया गया। डिजिटल लेनदेन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं।
सालाना रिटर्न दाखिल करने के लिए वैधानिक समय-सीमा बढ़ाने के साथ करदाताओं को नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी हुए हैं। पीएम मोदी की आज होने वाली घोषणा को प्रत्यक्ष कर व्यवस्था में सुधार के रुप में भी देखा जा रहा है।