प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानी गुरुवार को पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के 306 किमी लंबे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री ने न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए विश्व के पहले डबल स्टैक लांग हॉल कंटेनर ट्रेन आपरेशंस(1.5 किलोमीटर लंबी कंटेनर ट्रेन) को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया।

इस अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अलावा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री क्रमश: अशोक गहलोत और मनोहर लाल खट्टर उपस्थित थे।
पीयूष गोयल ने कहा कि लगभग 5,800 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड के शुरू हो जाने से हरियाणा के प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल उद्योग, व राजस्थान के खनिज उद्योगों को एक बड़े राष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार भी उपलब्ध हो जायेगा उन्होंने कहा, ”यह गलियारा इन राज्यों से गुजरता हुआ वह धागा है जो इन्हें आपस में बांधते हुए इन क्षेत्रों के समुचित आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान करेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले अगले 100 दिनों में मदार को गुजरात के पालनपुर से जोड़ दिया जाएगा जिससे गुजरात के कांडला, पीपावाव और मुंद्रा बंदरगाह भी समर्पित मालवहन गलियारे के नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘खनिज हो या खाद्यान्न, उपज हो या उत्पाद, रेल की रफ़्तार से सभी क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। उत्पाद को उपभोक्ता और बंदरगाह तक, खनिज को उद्योग तक, फर्टिलाइजर्स को खेत तक पहुंचाने में इस गलियारे का महत्त्वपूर्ण योगदान रहेगा। यह एक कॉरीडोर नहीं बल्कि विकास का दरवाजा बनेगा।’
न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार सेक्शन का हिस्सा हरियाणा और राजस्थान दोनों में आता है। इस मार्ग पर न्यू रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फूलेरा जैसे तीन जंक्शन सहित नौ स्टेशन बनाए गए हैं। स्टेशनों में न्यू डाबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पछार मालिकपुर, न्यू सकूल और न्यू किशनगढ़ शामिल हैं। इस नए मालवहन गलियारे के खुल जाने से राजस्थान और हरियाणा के रेवाडी-मानेसर, नारनौल, फूलेरा और किशनगढ़ में मौजूद विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को फायदा पहुंचेगा।
इसके अलावा काठूवास स्थित कॉनकोर के कन्टेनर डिपो का भी बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। इस रेल खंड के शुरू हो जाने से देश का पश्चिमी और पूर्वी मालवहन गलियारा एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। प्रधानमंत्री इससे पहले न्यू भाऊपुर और न्यू खुर्जा के बीच पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारा राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं।
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