प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के साथ मन की बात की. यह मन की बात कार्यक्रम का 62वां अंक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में हुनर हाट, अंतरिक्ष और कॉप कन्वेंशन का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हुनर हाट में भाग लेने वाले कारीगरों में पचास प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो देश फिट है, वही हिट रहेगा.
पिछले तीन वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से तीन लाख कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं. हुनर हाट कला के प्रदर्शन के लिए बेहतरीन मंच है, साथ ही साथ लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है. यहां देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव है. शिल्पकला तो है ही, साथ ही हमारे खाने-पीने की विविधता भी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि बेटियां अब बंदिशों को तोड़ रही हैं.
युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आने वाले महीने तो एडवेंटर स्पोर्ट्स के लिए बहुत उपयुक्त हैं. भारत का भौगोलिक परिवेश ऐसा है, जो हमारे देश में एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए ढेरों अवसर प्रदान करता है. एक तरफ जहां ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं तो दूसरी तरफ दूर-दूर तक फैला रेगिस्तान है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां घने जंगलों का बसेरा है, वहीं समुद्र का असीम विस्तार है. इसलिए मेरा आप सबसे विशेष आग्रह है कि आप भी अपनी पसंदीदा जगह, अपनी रुचि की एक्टिविटी चुनें, अपने जीवन को एडवेंचर के साथ जरूर जोड़ें, जिंदगी में एडवेंचर तो होना ही चाहिए न.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की जैविक विविधता और सर्दियों में हिन्दुस्तान आने वाले प्रवासी पक्षियों का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि भारत के वातावरण का आतिथ्य लेने के लिए दुनिया भर से अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी भी हर साल यहां आते हैं, गर्व की बात है कि 3 सालों तक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरादाबाद के हमीरपुर गांव में रहने वाले दिव्यांग सलमान की कहानी भी साझा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल ही में मैने मीडिया में एक ऐसी कहानी पढ़ी जिसे में आपसे जरूर साझा करना चाहता हूं. ये कहानी मुरादाबाद के हमीरपुर गांव में रहने वाले सलमान की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सलमान जन्म से ही दिव्यांग हैं. उनके पैर, उनका साथ नहीं देते हैं. इस कठिनाई के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी, खुद ही अपना काम शुरू करने का फैसला किया. साथ ही ये भी
निश्चय किया कि अब वो अपने जैसे दिव्यांग साथियों की मदद करेंगे. फिर क्या था, सलमान ने अपने गांव में चप्पल और डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू कर दिया.
प्रधानममंत्री मोदी ने कहा कि देखते ही देखते उनके साथ 30 दिव्यांग साथी जुड़ गए. आप भी ये गौर करिए कि सलमान खुद से चलने में दिक्कत थी लेकिन उन्होंने दूसरों का चलना आसान करने वाली चप्पल बना दी. सलमान ने सभी दिव्यांगों को ट्रेनिंग दी. सलमान ने 100 और दिव्यांगों को रोजगार देने का संकल्प लिया है.