प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्करों के लिए क्रैश कोर्स को लॉन्च करने के साथ ही महामारी कोविड-19 को लेकर देश को तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज शुरू किए जा रहे क्रैश कोर्स के जरिए 1 लाख वारियर्स को महामारी का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा।
कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए ‘क्रैश कोर्स प्रोग्राम’ का शुभारंभ शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत इसकी शुरुआत देश भर के 26 राज्यों में स्थित 111 प्रशिक्षण केंद्रो में की जाएगी। इस मौके पर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के केंद्रीय मंत्री भी मौजूद हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को तैयार किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, तीन महीने की इस ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद लाभार्थियों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इन केंद्रों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर समेत तमाम उपकरणों से लेकर इमरजेंसी में एंबुलेंस आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। कौशल व उद्यमविकास मंत्रालय का मकसद हेल्थ केयर सेंटर में गुणवत्ता पूर्ण सहयोग प्रदान करना है ताकि हमारा देश सशक्त भारत बन सके।
महामारी के दौरान देश में मेडिकल उपकरणों, दवाओं, अस्पताल में बिस्तर समेत मानव संसाधन तक की कमी को पूरा करने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रयासरत है। इस क्रम में ही इस प्रोग्राम की शुरुआत की जा रही है ताकि मेडिकल क्षेत्र से बाहर के लोगों को भी आवश्यकता पड़ने पर नियुक्त किया जा सके।
6 भूमिकाओं की मिलेगी ट्रेनिंग
इसके तहत 6 भूमिकाओं में दक्षता के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ये होंगे होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट। इसकी लागत कुल 276 करोड़ रुपये है। हेल्थ सेक्टर में वर्तमान व भविष्य के लिए मानव संसाधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन मेडिकल हेल्थकेयर वर्करों का कौशल विकास करना इस प्रोग्राम का मकसद है।