नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में कश्मीर में जारी अशांति पर साफ संदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पाकिस्तान के कब्जेवाला कश्मीर (पीओके) भारत का ही हिस्सा हैं। इसी के साथ उन्होंने पीओके और बलूचिस्तान में लोगों पर की जा रही ज्यादतियों को लेकर भी पाकिस्तान को आईना दिखाने की कोशिश की।
PM मोदी पाकिस्तान की रणनीति को कारगर जवाब
अब तक पाकिस्तान ही कश्मीर में जारी अशांति को लेकर भारत पर आक्रामक रुख अपनाता रहा है, मगर भारतीय प्रधानमंत्री का पीओके पर दिया बयान पाकिस्तान की रणनीति को कारगर जवाब के रूप में सामने आया है।
मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में वहां के सुरक्षाबलों द्वारा लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को दुनिया के सामने लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा था कि कश्मीर में तनाव की वजह पाकिस्तान की सरपरस्ती में सीमा पार पनपता आतंकवाद है।
मोदी ने कहा था, ‘पाकिस्तान भूल गया है कि वह अपने ही लोगों पर बम बरसा रहा है। अब पाकिस्तान दुनिया को बताए कि वह अपने कब्जे वाले कश्मीर और बलूचिस्तान के लोगों पर क्यों अत्याचार कर रहा है।’ मोदी ने बैठक में यह भी कहा था कि पीओके से निर्वासित लोगों से भी बातचीत हो। विदेशों में बसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के नागरिकों से भारत सरकार को संपर्क स्थापित करना चाहिए। पीएम ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी जिक्र किया।