ममता बनर्जी को ललकार कर जेपी नड्डा को दिल्ली लौटे अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि बंगाल की सियासत में हलचल मचाने अब पीएम मोदी भी पहुंच रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी दोपहर को सीधे असम से हल्दिया पहुंचेंगे. अभी 15 दिन पहले ही पीएम मोदी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर बंगाल में थे. एक पखवाड़े के अंदर मोदी के दूसरे दौरे से बंगाल का चुनावी तापमान और भी बढ़ गया है.
हल्दिया की धरती पर कदम रखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे मां, माटी, मानुष से लेकर बंगाल की संस्कृति के पन्ने पलटेंगे और एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पीएम की ये पहली चुनावी सभा होगी. इस जनसभा में 2 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है.
लेकिन बंगाल की सियासत का असली खेल अब शुरू होता है. हल्दिया में पीएम मोदी का कार्यक्रम सरकारी है. सरकारी प्रोटोकॉल के मुताबिक इसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया है.
लेकिन सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी के कार्यालय ने पीएमओ को बता दिया है कि वो इस सरकारी कार्यक्रम के दौरान मौजूद नहीं रहेंगी. आखिर ममता बनर्जी पीएम के साथ एक सरकारी मंच पर मौजूद क्यों नहीं रहना चाहती हैं.
अभी 15 रोज पुरानी ही बात है, जब पीएम मोदी कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. सुभाष बाबू पश्चिम बंगाल के सबसे नायकों में से हैं. लिहाजा ममता बनर्जी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं. बंगाल सरकार ने इस कार्यक्रम को अलग से भी मनाया था.
23 जनवरी को विक्टोरिया हॉल में जैसे ही ममता के बोलने की बारी आई. कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगा दिया. इससे ममता बनर्जी बेहद भड़क गईं और भाषण देने से ही इनकार कर दिया. ममता ने पीएम के सामने ही अपने गुस्से का इजहार कर दिया और कहा कि सरकारी कार्यक्रम में इस तरह बुलाकर बेइज्जती करना ठीक नहीं है.
अब जब पीएम मोदी के साथ ममता को एक बार फिर से मंच साझा करने का मौका आया है तो उन्होंने इनकार कर दिया है.
इधर बीजेपी इसी जय श्रीराम के नारे पर खेल गई है. ममता बनर्जी तो उस दिन भड़क गईं लेकिन इसी नारे को बंगाल में बीजेपी ने हथियार बना लिया है. बीजेपी बार-बार सवाल पूछती है कि ममता दीदी को जय श्री राम के नारे से क्यों डर लगता है? बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को एक बार फिर ये सवाल ममता पर दागा.
बंगाल चुनाव को बीजेपी आक्रामक तरीके से लड़ रही है. 294 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी का टारगेट 200 प्लस सीटों का है और इसके लिए बीजेपी आक्रामक रणनीति अपना रही है. लेकिन टीएमसी का दावा है कि इस चुनाव में बीजेपी दहाई अंक नहीं पार कर पाएगी.