धानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत बैंक खातों में जमा रकम 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के तहत इस योजना की शुरुआत छह साल पहले की गई थी। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक अब तक 40.05 करोड़ लोगों के जन धन खाते खुल चुके हैं।

वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने एक ट्वीट में कहा है कि दुनिया के सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन कार्यक्रम पीएमजेडीवाई के तहत सरकार ने एक और अहम पड़ाव हासिल किया है। इस योजना के तहत कुल खातों की संख्या 40 करोड़ के पार पहुंच गई है। जन धन खातों की यह संख्या इस योजना के शुरू होने की छठी वर्षगांठ से पहले हासिल कर ली गई है। योजना का शुभारंभ 28 अगस्त, 2014 को किया गया था।
PMJDY योजना का मकसद हर वयस्क व्यक्ति को एक बुनियादी बचत बैंक खाता, जरूरत के मुताबिक कर्ज लेने की सुविधा तथा बीमा और पेंशन की सुविधा मुहैया कराना है। जन धन बैंक खातों के जरिये गरीबों व वंचितों को सरकारी लाभ भी सीधे मुहैया कराया जा रहा है। यह योजना केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) को आगे बढ़ाने का बेहतर जरिया साबित हुआ है।
ऐसे समझें जन धन योजना को
जन धन योजना का मकसद अभी तक बैंकिंग की मुख्य धारा से वंचित रहे लोगों को बैंकिंग तंत्र से जोड़ना है। कोई भी व्यक्ति, जिसका अब तक किसी भी बैंक में कोई खाता नहीं है, अपने आसपास के किसी भी बैंक में जन धन खाता खुलवा सकता है। जन धन खाता असल में बेसिक बचत खाता है, जिसमें खाताधारक को मिनिमम बैलेंस या न्यूनतम राशि रखने की कोई जरूरत नहीं होती। इसके खाताधारकों को अब दो लाख रुपये की दुर्घटना बीमा राशि मिलती है, इनकी ओवरड्राफ्ट सुविधा की सीमा भी बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
गरीबों को हो रहा इस खाते से फायदा
जन धन खाते के माध्यम से गरीबों को कर्ज, सरकारी वित्तीय मदद, पेंशन और इस तरह की अन्य सुविधाएं हासिल हो रही हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोविड-19 संकट में गरीबों को 500 रुपये मासिक की वित्तीय मदद उनके जन धन खातों में ही डाली गई है। चूंकि इनमें न्यूनतम बैलेंस की कोई बाध्यता नहीं होती है, इसलिए इन खातों में जमा रकम की ऊपरी सीमा समेत कुछ बंदिशें भी रखी गई हैं।
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