नौकरीपेशा लोगों को पीएफ के पैसे से बहुत प्यार होता है. क्योंकि ये पैसा उनकी जिंदगी भर की कमाई होती है. पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें लोगों का पीएफ का पैसा अटक गया है.

ऐसे ही मामलों को जल्दी निपटाने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिससे कर्मचारियों को कंपनी के साथ भविष्य निधि (पीएफ) विवाद का जल्द निपटारा हो सकेगा. कानून के तहत पीएफ विवादों को तय समयसीमा 2 साल में निपटाने का प्रावधान होगा.
ये है इसके पीछे का मकसद
श्रम मंत्रालय नेइस मामले में प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर अगली बैठक में हितधारकों की सहमति के बाद कानून बनाया जाएगा. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग को बढ़ाने के मकसद से सरकार बदलाव करने जा रही है. इसमें आयकर विभाग की तर्ज पर पीएफ मामलों की तत्काल जांच के बाद दो साल में मामले का निपटारा किया जाएगा.
इतने साल से ज्यादा पुराने विवाद नहीं खोले जाएंगे
अभी तक ऐसे विवादों के लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की गई थी. इसके चलते पीएफ विवाद कई वर्ष तक चलते रहते थे. कॉरपोरेट प्रतिनिधियों ने इनके जल्द निपटारे की सिफारिश की थी. प्रस्ताव है कि पांच साल से ज्यादा पुराने विवादों को नहीं खोला जाएगा.
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