घोटालों में घिरी निवेश कंपनी PACL के 12 लाख निवेशकों को 429 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इनमें ज्यादातर छोटे निवेशक हैं जिनका कंपनी पर दस हजार रुपये तक का दावा था। बाजार विनियामक सेबी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सेबी ने जांच में पाया है कि पीएसीएल लि. ने कृषि और अचल सम्पत्ति परियोजनाओं में निवेश के नाम पर निवेशकों से गैर-कानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये 60,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी का यह गोरखधंधा 18 वर्ष तक चलता रहा था।
सेबी ने एक बयान में कहा कि आज की तारीख तक 12,48,344 पात्र आवेदकों के दावों के निस्तारण के तहत कुल 429.13 करोड़ रुपये लौटाए गए हैं। इन आवेदकों के दावे अधिकतम दस हजार रुपये तक के थे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरएम लोढा की आध्यक्षता में बिठाई गयी एक समिति ने निवेशकों के धन-वापसी के आवेदनों को चरणबद्ध तरीके से निपटने की प्रक्रिया शुरू की है। समिति ने 8,000 रुपये तक की दावा राशि वाले 9.72 लाख से अधिक निवेशकों को धनवापसी करने के बाद, 8,001 और 10,000 रुपये के बीच दावा राशि वाले निवेशकों को धनवापसी की प्रक्रिया शुरू की।
दिसंबर 2015 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीएसीएल और उसके नौ प्रमोटरों और निदेशकों की सभी संपत्तियों की कुर्की करने का आदेश दिया था।
सेबी ने 22 अगस्त 2014 को एक आदेश में पीएसीएल को अपने प्रमोटरों और निदेशकों को धन वापस करने के लिए कहा था। डिफॉल्टरों को निर्देश दिया गया था कि वे आदेश की तारीख से तीन महीने के भीतर निवेशकों को धन वापस करें।
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