अगर आप पीरियड्स के दौरान भयंकर पेट दर्द, ऐंठन, पैर दर्द, पेल्विक एरिया में दर्द का सामना करती हैं, तो इसके लिए पेन किलर्स नहीं, बल्कि कुछ योगासनों को बनाएं अपने रूटीन का हिस्सा। इनके थोड़ी देर अभ्यास से ही आप पा सकती हैं इन सभी समस्याओं से छुटकारा। आइए जानते हैं कौन से आसन इसमें हैं फायदेमंद।
मत्स्यासन
पीरियड्स अगर समय पर नहीं होते, तो नियमित रूप से मत्स्यासन का अभ्यास करें। पीरियड्स के वक्त हॉर्मोन्स के ऊपर-नीचे होने से ब्लोटिंग, गैस, पेट दर्द, कब्ज और डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ये आसन इन सभी परेशानियों को दूर करने में कारगर है। इसके अलावा यह पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार करता है। थायरॉयड ग्रंथि के फंक्शन को कंट्रोल में रखता है।
धनुरासन
धनुरासन करने से पेट के अंदरूनी अंगों की अच्छी मालिश होती है। यह प्रजनन अंगो को फैलाता है और टोन करता है साथ ही ये अंग एक्टिव भी हो जाते हैं, जिससे इन अंगो में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर तरीके से हो पाता है।
वज्रासन
पीरियड्स में होने वाले पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने के साथ कमर दर्द की परेशानी से भी छुटकारा दिलाता है वज्रासन। इससे लोअर बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है, जिसमें पेल्विक एरिया भी शामिल है। पेट में हो रहे दर्द व ऐंठन की तकलीफ भी इस आसन से काफी हद तक दूर होती है।
मलासन
मलासन के अभ्यास से हिप्स एरिया की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है, जिससे यहां होने वाला दर्द दूर होता है। प्रजनन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। हॉर्मोनल संबंधी दिक्कतें भी इस आसन को करने से दूर होती हैं।
शवासन
वैसे तो इस आसन को आमतौर पर योगाभ्यास के बाद बॉडी को रिलैक्स करने के लिए किया जाता है, लेकिन पीरियड्स में इन दो चार आसनों के साथ ही इसे भी थोड़ी देर जरूर करें क्योंकि इससे क्रैंप्स दूर होते हैं। बॉडी को आराम मिलता है और थकान दूर होती है।